Indian Railways: दक्षिण-पूर्व रेलवे 12 राज्यों में भेज चुकी है 11080 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन, ये रही पूरी जानकारी
दक्षिण पूर्व रेलवे भी 23 अप्रैल से लगातार आक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन कर रहा है और जोन के अधिकार क्षेत्र से अब तक 12 राज्यों को 11080 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति की जा चुका है। गुरुवार दोपहर भी तेलंगाना के सनथनगर के लिए एक आक्सीजन ट्रेन भेजा गया।
जमशेदपुर, जासं। कोविड 19 मरीजों के लिए जब आक्सीजन की किल्लत हुई तो रेलवे बोर्ड ने देश भर में आक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया। ग्रीन कॉरिडोर की मदद से जरूरतमंद राज्यों को आक्सीजन की आपूर्ति की गई ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों की जान को बचाया जा सके।
दक्षिण पूर्व रेलवे भी 23 अप्रैल से लगातार आक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन कर रहा है और जोन के अधिकार क्षेत्र से अब तक 12 राज्यों को 11080 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति की जा चुका है। गुरुवार दोपहर भी तेलंगाना के सनथनगर के लिए एक आक्सीजन ट्रेन भेजा गया। इस ट्रेन में छह कंटेनर की मदद से 120 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन भेजा गया है। अब तक टाटानगर से 4823.42 टन, राउरकेला से 3217.57 टन और स्टील सिटी बोकारो से 2028.86 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन भेजा गया है।
इन राज्यों को भेजा गया है आक्सीजन
दक्षिण पूर्व रेलवे अब तक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, केरल व असम को लिक्विड मेडिकल आक्सीजन भेज चुका है।
कठिन समय में रेल कर्मचारियों ने निभाई अपनी जिम्मेदारी
दक्षिण पूर्व रेल प्रबंधन का कहना है कि कोविड 19 महामारी का प्रकोप हो या फिर चक्रवात यास की चुनौत। रेलवे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने विपरीत और कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। कर्मचारियों ने 24 घंटे काम करते हुए निर्बाध रूप से आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया। प्रभावित राज्यों तक ट्रेन समय पर पहुंचे इसके लिए सभी सुरक्षा मानकों का अनुपालन करते हुए ग्रीन कॉरिडोर से आक्सीजन एक्सप्रेस को रवाना किया। कर्मचारियों की लगन और मेहनत का ही नतीजा है कि हम सफलतापूर्वक 11000 टन से अधिक लिक्विड मेडिकल आक्सीजन प्रभावित राज्यों को भेज पाएं हैं।