झारखंड में नक्सलियों को झटका, महाराज प्रमाणिक ने किया सरेंडर
दो दिन पहले संगठन ने निकाला। अब आत्मसमर्पण। यह कयास तो पहले ही लगाए जा रहे थे जो सच साबित हुआ। वह पुलिस के लिए चुनौती बना बैठा था। 10 लाख का इनामी था। महाराजा प्रमाणिक सरायकेला जिले के ईचागढ़ थाना का रहनेवाला था। उसे वही सरेंडर किया।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। दो दिन पहले संगठन ने निकाला। अब आत्मसमर्पण। यह कयास तो पहले ही लगाए जा रहे थे जो सच साबित हुआ। वह पुलिस के लिए चुनौती बना बैठा था। 10 लाख का इनामी था। महाराजा प्रमाणिक सरायकेला जिले के ईचागढ़ थाना का रहनेवाला था। उसे वही सरेंडर किया। कुछ दिन पहले से ही महाराजा प्रमाणिक कई जिले के पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसी के संपर्क में था।
कोल्हान क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सरायकेला - खरसावां, घाटशिला और चाईबासा में नक्सली महाराजा प्रमाणिक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ थां वह मूलरूप से सरायकेला-खबरसावां जिला के ईचागढ़ थाना क्षेत्र के दारूदा गांव का रहनेवाला है। पुलिस महाराजा प्रमाणिक और उसके दस्ते को मार गिराने के लिए जंगलों में लगातार अभियान चला रही है। लेकिन हर बार मुठभेड़ में महाराजा प्रमाणिक बचकर निकलने में सफल हो जाता था।
संगठन ने कर दिया था बर्खास्त
लंबे समय से पुलिस व सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बने नक्सली महाराज प्रमाणिक को भाकपा माओवादी ने संगठन से बर्खास्त कर दिया था। महाराज प्रमाणिक पर संगठन विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने का आरोप लगाते हुए उसे जोनल सदस्य पद से भी हटा दिया गया था। वहीं एरिया कमेटी सदस्य बैलून सरदार को भी संगठन से बर्खास्त किया गया था। भाकपा माओवादी दक्षिणी जोनल कमेटी के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी थी। विज्ञप्ति में कहा गया था कि महाराज प्रमाणिक ने बीमारी का इलाज कराने के नाम पर बाहर निकलकर संगठन से गद्दारी की। सरायकेला- खरसावां जिले के ईचागढ़ थानांतर्गत दाडुदा ग्राम निवासी महाराज प्रमाणिक पर संगठन का 40 लाख रुपया, एक एके 47 रायफल, 150 गोली, एक 9 एमएम पिस्टल, मोबाइल, टैबलेट और वॉकी-टॉकी लेकर 14 अगस्त को संगठन छोड़कर भागने का आरोप लगाया गया था। प्रवक्ता अशोक ने कहा था कि बीमारी का इलाज कराने का बहाना बनाकर महाराज प्रमाणिक विगत 27 मई और 22 जून को बाहर गया था। जहां उसने पुलिस और खुफिया विभाग के बड़े अफसरों से मिलकर संगठन के साथ गद्दारी की। भाकपा माओवादी संगठन ने महाराज प्रमाणिक और बैलून सरदार को जन अदालत में सजा देने का भी एलान कर रखा है।
2009 में भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा था महाराज प्रमाणिक
प्रेस विज्ञप्ति में प्रवक्ता अशोक ने कहा था कि महाराज प्रमाणिक साल 2009 में भाकपा माओवादी संगठन से जुड़ा था। करीब 2 साल बाद उसे एरिया कमेटी फिर सब जोनल सदस्य बनाया गया। 2015 में वह दक्षिणी जोनल कमेटी का सदस्य चुना गया था। उसे स्वतंत्र रूप से बुंडू, चांडिल सबजोन का इंचार्ज बनाकर कामकाज करने की जिम्मेदारी दी गयी थी। लेकिन उसने संगठन के साथ गद्दारी की। हाल के दिनों में नक्सली संगठन की तरफ से इस तरह की कार्रवाइ की खबर नहीं आयी थी।