बेटी का इलाज कराए बिना ही रिम्स से वापस लौटा सालखान

रांची के रिम्स अस्पताल मे बिना इलाज के ही बाकड़ाकोचा गांव से नौ साल की बीमार बेटी को लेकर माता-पिता को घर वापस लौटना पड़ा। सालखान सोरेन की बेटी गावरा सोरेन गंभीर बीमारी से पीड़ित है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:30 AM (IST)
बेटी का इलाज कराए बिना ही रिम्स से वापस लौटा सालखान
बेटी का इलाज कराए बिना ही रिम्स से वापस लौटा सालखान

संसू, डुमरिया : रांची के रिम्स अस्पताल मे बिना इलाज के ही बाकड़ाकोचा गांव से नौ साल की बीमार बेटी को लेकर माता-पिता को घर वापस लौटना पड़ा। सालखान सोरेन की बेटी गावरा सोरेन गंभीर बीमारी से पीड़ित है। उसका पेट फुल गया है। पिता के अनुसार पेट मे ट्यूमर हो गया है। जिसके कारण उसकी बेटी कंकाल हो गई है। वह चलने फिरने मे असमर्थ है। पिछले गुरुवार को सालखान सोरेन अपनी पत्नी नागी सोरेन के साथ बीमार बेटी को इलाज के लिए डुमरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया। परंतु चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए एमजीएम भेज दिया। वहां से भी बच्ची को रांची के रिम्स अस्पताल रेफर कर दिया। पिता के अनुसार रिम्स मे उसे कहा गया कि सोमवार को बच्ची का भर्ती होगा। भुखे प्यासे बीमार बेटी को लेकर अस्पताल के फर्स पर बोरा बिछाकर किसी तरह रात गुजारी। अस्पताल के एक गार्ड ने खानेपीने का मदद किया। रविवार को माता पिता ने बच्ची को लेकर किसी तरह डुमरिया वापस लौटे। सड़क के किनारे बैठकर गांव तक पहुंचने के लिए शाम तक मदद का इंतजार करते रहा। एचसीएल के डायरेक्टर ऑपरेशन के आगमन से जगी उम्मीद : हिदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के निदेशक परिचालन संजय पंजियार मभऊंडार इंडियन कॉपर कांप्लेक्स (आइसीसी) के दौरे पर पहुंचे। रविवार को निदेशक परिचालन ने आइसीसी के अधिकारियों संग बैठक कर कई बिदुओं पर जानकारी ली। माइंस व कारखाना से संबंधित कई विषयों पर भी जानकारी ली। आइसीसी के इकाई प्रमुख से कई बिदुओ पर चर्चा कर माइंस व कारखाना के संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डायरेक्टर फाइनांस ने बंद पड़े माइंस की वस्तु स्थिति की भी जानकारी ली। देर शाम तक आइसीसी के अधिकारियों संग बैठक चली। जानकारी हो कि पिछले दिनों एचसीएल के सीएमडी भी आइसीसी के दौरे पर पहुंचे थे। उनके संग निदेशक परिचालन भी पहुंचे थे। अब दोबारा निदेशक परिचालन आइसीसी के दौरे पर पहुंचे हैं। इससे ताम्र क्षेत्र के मजदूरों में भी कारखाना के बेहतर भविष्य को ले उम्मीदें जगी है। फिलहाल आइसीसी कारखाना में एनोड से कैथोड बनाने का काम चल रहा है। जिससे ठेका मजदूरों को फिलहाल दो माह तक 10-12 दिनों का रोजगार दिया जाएगा। हालांकि आइसीसी में ताम्र अयस्क की समस्या बनी हुई है। अगर ताम्र अयस्क पर्याप्त मात्रा में आइसीसी को मिलेगा तो मजदूरों को नियमित रूप से रोजगार मिल सकेगा।

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