अमेरिका से जमशेदपुर के साकेत ने भेजा 24 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, राजेंद्र विद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं
विदेश में रहनेवाले किसी जमशेदपुरिया ने अपने शहर के लिए कुछ सोचा। कैलिफोर्निया (अमेरिका) मे रह रहे शहर के युवा साकेत गाडिया ने जमशेदपुर के लिए 24 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजा है। यह सचुमच सबके लिए गर्व की बात है ।
जमशेदपुर, जासं। कोरोना काल में यह पहला मामला है, जब विदेश में रहनेवाले किसी जमशेदपुरिया ने अपने शहर के लिए कुछ सोचा। कैलिफोर्निया (अमेरिका) मे रह रहे शहर के युवा साकेत गाडिया ने जमशेदपुर के लिए 24 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजा है। यह सचुमच सबके लिए गर्व की बात है कि विदेश में रहते हुए कोई जमशेदपुर की चिंता कर रहा है।
इसी गर्व के साथ रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर फेमिना की अध्यक्ष शशि गाडिया व शिवशंकर गाडिया इसे लेकर शुक्रवार को उपायुक्त सूरज कुमार के पास गए और उन्हें चार कंसंट्रेटर सौंपा। रोटरी फेमिना ने शेष कंसंट्रेटर सेंट जोसेफ अस्पताल (भिलाई पहाड़ी), मर्सी अस्पताल (बारीडीह), राजस्थान सेवा सदन अस्पताल (जुगसलाई), मारवाड़ी महिला मंच व बंग बंधु को भेंट किया।
राजेंद्र विद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं साकेत
साकेत गाडिया राजेंद्र विद्यालय जमशेदपुर व आइआइटी मुंबई के छात्र रह चुके हैं। फिलहाल वे कैलिफोर्निया में कार्यरत हैं, जहां यूनाइटेड अगेंस्ट कोविड के सक्रिय सदस्य हैं। एनआरआइ की इस संस्था में आइआइटी व आइआइएम के पूर्व छात्र भी शामिल हैं। इसके तहत साकेत ने कोविड महामारी के दौरान अपनी मातृभूमि जमशेदपुर और आसपास के गांवों में रहने वालों की मदद करने की पहल की। उन्होंने कैलिफोर्निया के बे एरिया में सात जमशेदपुरियों के एक समूह के साथ एक दिन में 15,000 डॉलर जुटाए और यूएस निर्मित 24 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त कर रोटरी क्लब ऑफ जमशेदपुर फेमिना को भेजा। यहां रोटरी फेमिना ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बैंक शुरू किया है। उपायुक्त को कंसंट्रेटर सौंपने के दौरान फेमिना की सचिव सुदेशना चटर्जी, गीता दुबे व प्रतिमा सिन्हा भी उपस्थित थीं। रोटरी फेमिना द्वारा बाराद्वारी स्थित वृद्धाश्रम आशीर्वाद को भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया गया है, ताकि आपात स्थिति में यहां रहने वाले बुजुर्ग इसका उपयोग कर सकें।
गत वर्ष डा. अजय ने भेजा था फूड सप्लीमेंट
गत वर्ष कोरोना काल में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व जमशेदपुर के पूर्व सांसद डा. अजय कुमार ने दिल्ली से एक ट्रक फूड सप्लीमेंट भेजा था। इसे रेडक्रास सोसाइटी के माध्यम से गर्भवती महिलाओं व धात्री को दिया गया था। इसके अलावा शायद किसी ने कोरोना काल में इस तरह का व्यक्तिगत प्रयास नहीं किया है।