15 साल बाद फिर खोला जाएगा साकची मंडल कारा Jamshedpur News

बंदियों को कोरोना से बचाने की तैयारी बनेगा क्वारंटाइन सेंटर 1440 क्षमता वाले घाघीडीह सेंट्रल जेल में 1811 बंदी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 05:55 PM (IST)
15 साल बाद फिर खोला जाएगा साकची मंडल कारा Jamshedpur News
15 साल बाद फिर खोला जाएगा साकची मंडल कारा Jamshedpur News

जमशेदपुर (अन्वेश अंबष्ठ )। घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंदियों की संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण साकची मंडल कारा में बंदियों को रखने की तैयारी हो रही है।

बकायदा पुराने जेल की साफ-सफाई शुरू कर दी गई है। मरम्मत का काम जारी है। जून के प्रथम सप्ताह से यहां नए बंदियों को रखा जाएगा। यहां 100 बंदियों के लिए क्वारंटाइन सेंटर होगा। 14 दिन तक नए बंदियों को रखा जाएगा। जांच के बाद सेंट्रल जेल में शिफ्ट में किया जा सकेगा। साकची जेल में झारखंड जगुआर का स्टोर है। वहां दो पुलिसकर्मी तैनात है।

अभी वर्तमान में सेंट्रल जेल में ही क्वारंटाइन सेंटर है। पहले पूर्वी सिंहभूम जिले में घाघीडीह उपकारा, घाटशिला और साकची मंडल कारा था। झारखंड बनने के बाद घाघीडीह में सेंट्रल जेल बनाया गया जहां कोल्हान के चाईबासा, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिलों के सजायाफ्ता और राज्य के दूसरे जेलों के बंदियों को रखा जाता है। सेंट्रल जेल निर्माण के बाद साकची जेल को बंद कर दिया गया था। वर्तमान में 1440 बंदियों की क्षमता वाले सेंट्रल जेल में 1811 बंदी है।

घाघीडीह सेंट्रल जेल प्रशासन मान रहा है कि जेल में क्वारंटाइन सेंटर बंदियों और जेलकर्मियों के लिए भी खतरे की घंटी है। सेंटर ही में रखे गए बंदियों को सबकुछ उपलब्ध कराना पड़ रहा है। 14 दिन तक वार्ड से बाहर निकलने की मनाही है। अगर एक भी बंदी कोरोना संक्रमणित निकला तो बंदियों के लिए परेशानी का सबब साबित होगा। सतर्कता के तहत जेल प्रशासन ने जेल के सुरक्षाकर्मियों को किसी से मिलने-जुलने और घर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुलाकाती पर भी रोक है। मुंबई के आर्थर रोड जेल में 20 बंदी समेत कुल 120 जेलकर्मी कोरोना पॉजीटिव पाए गए है।

इसके बाद से जेल प्रशासन गंभीर है। जेल में लॉकडाउन से पहले तीन माह में 90 बंदी आए होंगे। इसके ठीक विपरीत लॉकडाउन में प्रतिदिन सात बंदियों का जेल आना हो रहा है। परिणाम जेल में क्षमता से अधिक बंदी हो गए है। परेशानी जेल प्रशासन और बंदियों दोनों को हो रही है। दिन तो किसी तरह बंदियों का कट जाता है, रातें करवटें बदलती बीतती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर करीब 100 बंदियों को 45 दिन के अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया है। घाटशिला, रांची और हजारीबाग जेल में बंदियों को शिफ्ट किया गया है।

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