sadhucharan Mahato Died: ईचागढ़ के पूर्व विधायक साधुचरण महतो का निधन, कोलकाता के अस्पताल में ली अंतिम सांस

भाजपा के दंबग नेता व झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के इचागढ के पूर्व विधायक साधुचरण महतो का निधन हो गया। वे कई गंभीर बीमारी से ग्रसित थे। 23 अक्टूबर उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। सोमवार की रात अचानक तबियत बिगड़ने पर चिकित्सकों ने वेंटिलेटर पर रखा था।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 12:27 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 05:10 PM (IST)
sadhucharan Mahato Died: ईचागढ़ के पूर्व विधायक साधुचरण महतो का निधन, कोलकाता के अस्पताल में ली अंतिम सांस
पूर्व भाजपा विधायक साधुचरण महतो की फाइल फोटो।

जाटी, जमशेदपुर/चांडिल : सरायकेला - खरसावां जिला स्थित ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक साधु चरण महतो का मंगलवार को दोपहर में कोलकाता में इलाज के दौरान हो गया। उनके निजी अंगरक्षक मांगीलाल ने बताया कि उनकी तबीयत सोमवार को ही काफी बिगड़ गई थी। इस सूचना के बाद सोमवार रात को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रांची के सांसद संजय सेठ व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी कोलकाता पहुंचे थे। फिलहाल उनका पार्थिव शरीर कोलकाता स्थित रवींद्रनाथ टैगोर अस्पताल में ही है।

लगभग 48 साल के साधु महतो के निधन की खबर से पूरे ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। साधु महतो कैंसर से भी ग्रस्त थे। इसी बीच 23 अक्टूबर को उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी पत्नी व पूर्व जिला परिषद सदस्य सारथी महतो ने किडनी दी थी। उसके बाद से उनकी स्थिति बहुत हद तक ठीक थी, पर विगत रात से अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों ने आनन-फानन उन्हें वेंटिलेटर पर रखा था, पर आज उनका निधन हो गया।

आक्रामक तेवर से साधु हुए थे लोकप्रिय

सरायकेला - खरसावां जिला स्थित आदित्यपुर निवासी साधुचरण महतो इसी जिले के ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक थे। वे आक्रामक तेवर की वजह से जनता के बीच लोकप्रिय थे। इन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव में पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो को 42,250 वोट से हराया था। साधुचरण महतो 2019 के चुनाव में भी ईचागढ़ से भाजपा के उम्मीदवार थे, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा की उम्मीदवार सविता महतो से हार गए थे। त्रिकोणीय मुकाबले में इन्हें पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह से भी कड़ी टक्कर मिली थी। बहरहाल, साधु महतो पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के कई मामले दर्ज हुए थे। विधायक रहते हुए भी केस-मुकदमे झेलने पड़े थे। जनता की हर छोटी-बड़ी समस्या को सुलझाने के लिए पूरी ताकत झोंक देते थे। स्वर्णरेखा परियोजना के विस्थापितों के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया था।

chat bot
आपका साथी