CoronaVaccination : अफवाह ने रोकी कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार, ग्रामीण इलाकों में दूसरी डोज लेने नहीं पहुंच रहे लोग
CoronaVaccination in Chaibasa पश्चिमी सिंहभूम के ग्रामीण क्षेत्र में अफवाह ने कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार को ब्रेक लगा दिया है। ग्रामीण बुद्धिजीवी वर्ग की सक्रियता से पहला डोज अधिकतर लोगों ने लगाया जबकि दूसरी डोज के लिए मेडिकल टीम को काफी इंतजार करना पड़ रहा है।
चाईबासा, जासं। पश्चिमी सिंहभूम के ग्रामीण क्षेत्र में अफवाह की वजह से कोरोना वैक्सीन की रफ्तार को ब्रेक लग गया है। क्षेत्रों में ग्रामीण बुद्धिजीवी वर्ग के सक्रियता से पहला डोज अधिकतर लोगों ने लगाया जबकि दूसरा डोज के लिए मेडिकल टीम को काफी इंतजार करना पड़ रहा है। इसके बावजूद एक भी व्यक्ति वैक्सीन लगाने नहीं पहुंच रहे हैं।
हाटगम्हरिया प्रखंड के रुइया गांव में करीब 400 लोगों ने कोविड-19 की पहली डोज ले ली है। जब दूसरी डोज लेने का समय आया तो लोग टीका लगवाने नहीं आ रहे हैं। इस गांव में 14 और 26 अप्रैल को टीकाकरण शिविर लगाया गया था। एक भी गांव वाला टीका लेने नहीं पहुंचा। रुइया गांव की एएनएम इंदु कुमारी कहती हैं, पहली बार जब कैंप लगा था तो लोग स्वयं टीका लगवाने पहुंचे थे। जब लोगों को दूसरा डोज देने का समय आया तो वह कैंप नहीं आ रहे हैं। उनके नंबर पर फोन करने और घर जाकर बुलाने के बावजूद वह दूसरा डोर लगाने को तैयार नहीं हैं। कहते हैं कि टीका लगने के बाद कमजोरी आ जाती है और धीरे-धीरे लोगों की मौत हो जाती है। एएनएम ने ग्रामीणों को काफी समझाया मगर कोई मानने को तैयार ही नहीं है।
पिछले 5 दिनों में 143 लोगों ने वैक्सीन ली
रुइया की तरह तांतनगर प्रखंड के गांवों में भी अफवाह फैलने के कारण वैक्सीनेशन की गति धीमी हो गयी है। तांतनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगे शिविर में जमशेदपुर, चाईबासा समेत अन्य शहर के लोग वैक्सीन लेने के लिए अधिक संख्या में पहुंच रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की संख्या काफी कम है। पिछले 5 दिनों में 143 लोगों ने वैक्सीन ली। इसमें से मात्र 27 लोग तांतनगर प्रखंड के हैं बाकी अन्य लोग जमशेदपुर व चाईबासा के रहने वाले हैं। यह स्थिति केवल रुइया या तांतनगर की ही नहीं, कमोबेश पूरे जिले की है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी सिंहभूम जिले में अभी तक 131943 लोगों को कोविड-19 की पहली डोज लग चुकी है जबकि दूसरी डोज 34067 लोगों ने ही ली है। इसमें 18 वर्ष से लेकर 70 से अधिक आयु वर्ष के महिला-पुरुष शामिल हैं। एक सप्ताह के टीकाकरण को देखें तो औसतन 1000 टीके हर दिन जिले में लग रहे हैं। जनसंख्या के सापेक्ष यह काफी कम है। यहां दूसरी और पहली डोज के बीच का यह अंतर चिंता का विषय बना हुआ है।
ये कहते उपायुक्त
पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त अनन्य मित्तल कहते हैं, कोविड-19 वैक्सीनेशन में तेजी लाने का सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को आदेश दिया गया है। साथ ही साथ गांवों में सहिया व एनएनम के अलावा मानकी-मुंडा, गांव के प्रबुद्ध लोग, सांसद, विधायक के जरिए अफवाहों से दूर रहकर अधिक से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इसके बेहतर परिणाम जरूर मिलेंगे।
ये फैली है अफवाह
कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लेने की खास वजह ग्रामीण क्षेत्र में पहले अफवाह को बताया जा रहा है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि वैक्सीन लेने से लोगों के काम करने की शक्ति कम हो जाती है। साथ ही धीरे-धीरे मरने भी लगते हैं। तेज बुखार, सर्दी- खांसी आदि होने के बाद उन्हें कोरोना मरीज घोषित कर दिया जाता है । जो भी इलाज कराने अस्पताल जाते हैं वह जिंदा लौटते ही नहीं। इस प्रकार की अफवाह से लोगों में डर फैल गया है। जिसकी वजह से कोरोना का वैक्सीन लेना ही नहीं चाहते। जो पहला डोज ले चुके हैं वह भी अब सामने नहीं आ रहे हैं ।