टाटा वर्कर्स यून‍ियन की बैठक में द‍िखा असहज नजारा, मात्र 45 म‍िनट में खत्‍म Jamshedpur News

Tata Workers Union. टाटा वर्कर्स यून‍ियन की बैठक हंगामेदार रही। आलम यह रहा क‍ि अध्‍यक्ष थोड़ी देर बाद ही बैठक से निकल गए। बैठक मात्र 45 म‍िनट चली।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 11:49 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 11:49 AM (IST)
टाटा वर्कर्स यून‍ियन की बैठक में द‍िखा असहज नजारा, मात्र 45 म‍िनट में खत्‍म Jamshedpur News
टाटा वर्कर्स यून‍ियन की बैठक में द‍िखा असहज नजारा, मात्र 45 म‍िनट में खत्‍म Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  Tata workers Union टाटा स्टील में ग्रेड रिवीजन समझौते के बाद टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) की पहली कमेटी मीटिंग हुई। इस दौरान अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और उनकी टीम एकाउंट्स के मुद्दे पर पूरी तरह से घिरी दिखी। नतीजन बैठक के बीच में ही माइक बंद कराकर अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और उनकी पूरी टीम सदन से निकल गई।

एकाउंट्स पास होने पर नया विवाद उभर आया है। क्योंकि यूनियन नेतृत्व चार माह का एकाउंट्स पास करा रहा था जबकि कमेटी मेंबरों का दावा है कि उन्होंने मार्च व अप्रैल माह का ही एकाउंट्स पास किया है। मई-जून के आय-व्यय के विवरण को पास कराने के लिए यूनियन नेतृत्व को फिर से मीटिंग बुलाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। नेतृत्व ने माइकल जॉन सभागार में गुरुवार सुबह में कमेटी मीटिंग बुलाई थी। सीआरएम से कमेटी मेंबर एके गुप्ता और पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव उर्फ टुन्नू चौधरी मंच पर चढ़कर माइक संभाला और यूनियन के संविधान की दुहाई दी। अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने यह कहकर एके गुप्ता की बात को अनसुना कर दिया कि आपको तो हमेशा एकाउंट्स में कुछ न कुछ परेशानी रहती ही है।

90 फीसद कमेटी मेंबर द‍िखे व‍िरोध में

पहली पंक्ति में बैठे सदस्यों को छोड़कर 90 प्रतिशत कमेटी मेंबर यूनियन नेतृत्व के विरोध में दिखे। हर कोई यूनियन नेतृत्व की कार्यप्रणाली, चार माह बाद कमेटी मीटिंग बुलाने, ग्रेड रिवीजन पर चर्चा नहीं कराने, चार माह का आय-व्यय को एक साथ पास कराने और खर्चों का स्पष्ट जवाब नहीं देने पर नाराज दिखे। कमेटी मेंबरों की बढ़ती नाराजगी को भांपते हुए अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने बैठक को बीच में ही स्थगित कर दिया और बाहर निकल गए। विरोध को दिखते हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भगवान सिंह को छोड़कर शेष सभी ऑफिस बियरर पिछले दरवाजे से सदन से निकले।

पहली पंक्ति में बैठे कमेटी मेंबरों ने ही किया समर्थन

यूनियन की परंपरा है कि सदन में पहली पंक्ति में बैठने वाले अध्यक्ष के समर्थक होते हैं। बैठक के दौरान भी सभा में पहली पंक्ति में आठ से नौ कमेटी मेंबर बैठे थे। यही कमेटी मेंबर ही केवल हाथ उठाकर एकाउंट्स पास करने का समर्थन किया। इनमें एलडी-1 से जोगिंदर सिंह जोगी, कोक प्लांट से पीके सिंह, एलडी-1 से जसपाल सिंह, जफर इकबाल, पीएसडी से मनोज कुमार, एसजीडीपी से एम भास्कर राव, टीएमएच से मनोज तिवारी, पीएसडी से अंजनी पांडेय, लाइम प्लांट से केके गोप शामिल थे। वहीं, एक पंक्ति पीछे ब्लास्ट फर्नेस से मुमताज अहमद भी समर्थन करने वालों में शामिल थे।

अभी चुनाव करा लेने की चुनौती 

बैठक में कुछ कमेटी मेंबर तैश में भी आ गए। उन्होंने अध्यक्ष को ललकारा कि यदि वे इतना ही बढिय़ा ग्रेड रिवीजन समझौता किए हैं और उनमें हिम्मत है तो चुनाव करा ले, बहुमत कहां है उन्हें मालूम चल जाएगा।

लगे एक से बढ़कर एक आरोप

हंगामे के दौरान कई कमेटी मेंबरों ने यहां तक आरोप लगाए कि अध्यक्ष की गलतियों पर समर्थन करने वाले सदस्यों को अपने बेटे, भाई व रिश्तेदारों के लिए नौकरी चाहिए। इसलिए अध्यक्ष के कार्यालय व घर के चक्कर लगाते हैं।

परदे की पीछे से विरोध करने वाले भी आए सामने

यूनियन की राजनीति में कई ऐसे कमेटी मेंबर भी हैं जो खुलकर विरोध नहीं करते। लेकिन ग्रेड रिवीजन के मुद्दे पर भी वे भी बैठक में खुलकर विरोध करते दिखे। उनका कहना था कि हाउस में कमेटी मेंबर खुलकर अपनी बातों को रखने का अधिकार मिलता है लेकिन जब यूनियन अध्यक्ष उनकी बातों को दबाने का प्रयास करे तो वे कर्मचारियों की भावनाओं को कहां रखेंगे?

ये कहते यून‍ियन के उपाध्‍यक्ष

यून‍ियन नेतृत्व कमेटी मेंबरों की भावनाओं की अवहेलना कर रही है। यूनियन नेतृत्व ग्रेड रिवीजन पर चर्चा कराने से भाग रहा है। उन्हें कमेटी मेंबरों की बातों का सम्मान करना चाहिए।

-संजीव उर्फ टुन्नू चौधरी, पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट  

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