Rss Jamshedpur: जमशेदपुर के सोपोडेरा में आरएसएस ने मनाया वर्ष प्रतिपदा उत्सव
Rss Pratipada festival यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपको बहुत लोग जानते हैं बल्कि आपको कितने लोग समझते हैं यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह विचार आरएसएस की परसुडीह शाखा के संचालन हरि प्रसाद शुक्ल ने व्यक्त किए। कार्यक्रम सोपोडेरा में हुआ।
जमशेदपुर, जासं। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपको बहुत लोग जानते हैं बल्कि आपको कितने लोग समझते हैं यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह विचार आरएसएस की परसुडीह शाखा के संचालन हरि प्रसाद शुक्ल ने व्यक्त किए। हरि प्रसाद शुक्ल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परसुडीह नगर द्वारा सोपोडेरा गांधी मैदान में आयोजित चैत्र शुक्ल हिन्दू नववर्ष सह वर्ष प्रतिपदा उत्सव ( विक्रम संवत - 2078 ) के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने आज के दिन के महत्वत्व पर प्रकाश डालते हुए संघे शक्ति कलियुगे पर जोर दिया। उन्होंने डाॅ हेडेगेवार समेत आज की तिथि को जन्म लेनेवाले महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि पद और प्रतिष्ठा की लालसा को त्यागकर जाति, धर्म से ऊपर उठकर मानव सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना ही स्वयंसेवक का असल कर्त्तव्य है। आगे कहा कि मुस्लिम हो अथवा ईसाई चाहे जरूरतमंद किसी जाति, धर्म का व्यक्ति हो मदद की यदि उसे जरूरत है तो आगे बढ़कर मदद करना है। यही हमारा परम कर्तव्य है। इसे कदापि नहीं भूलना है। उन्होंने स्वयंसेवकों से व्यक्तिगत चिंता को त्यागकर राष्ट्र की चिंता करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज का दिन सोच बदलने तथा नया संकल्प लेने का दिन है। कार्यक्रम के दौरान सभी स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में नजर आए। भारत माता एवं डॉ केशव हेडगेवार के चित्र पर माल्यार्पण तथा ध्वज प्रणाम के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्वयंसेवक चांद जी सामूहिक गीत प्रस्तुत किये। जबकि गुलशन जी मधुर राष्ट्र गीत ..संपूर्ण करेंगे हमसब केशव , वह साधना तुम्हारी, आत्म हवन से राष्ट्रदेव की , अराधना तुम्हारी ...!
इनकी रही भागीदारी
चैत्र शुक्ल के दिन शक्ति पूजा हेतु नवरात्र कलश स्थापना, भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक, भगवान झूलेलाल का जन्म, आज ही के दिन ब्रहमा जी द्वारा सृष्टि की रचना, डॉ हेडगेवार जी का जन्म दिन, विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत का प्रारंभ, महर्षि गौतम का जन्म, दयानंद स्वामी द्वारा आर्य समाज की स्थापना आदि के कारण गौरवशाली महत्व है। कार्यक्रम में श्रीकांत, सुबोध, बिनोद, दीपक, मनोज, अरविंद, गुलशन, विष्णु, अनूप, सूरज, सौरभ, श्याम, धनेश्वर, सूरज, दिलीप, चांद, गजेन्द्र, सुशांत आदि ने शिरकत की।