लोग जागरूक होंगे तभी सड़क दुर्घटना में आएगी कमी : उपायुक्त
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत परिवहन विभाग द्वारा 18 जनवरी से 17 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है। इसका शुभारंभ सोमवार को साकची स्थित रवींद्र भवन में उपायुक्त सूरज कुमार व वरीय पुलिस अधीक्षक एम. तमिल वाणन ने किया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत परिवहन विभाग द्वारा 18 जनवरी से 17 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है। इसका शुभारंभ सोमवार को साकची स्थित रवींद्र भवन में उपायुक्त सूरज कुमार व वरीय पुलिस अधीक्षक एम. तमिल वाणन ने किया।
इस अवसर पर सभागार में उपस्थित छात्र-छात्राओं व आम नागरिकों को संबोधित करते हुए उपायुक्त सूरज कुमार ने कहा कि इस सड़क सुरक्षा माह का मुख्य उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है, लोग जागरूक होंगे तभी सड़क दुर्घटना में कमी लाई जा सकती है। उपायुक्त ने सड़क दुर्घटना के कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन जल्द ही मोटर वाहन एक्ट एवं सड़क सुरक्षा के विभिन्न नियमों का समावेश कर पुस्तक लांच करेगी, जिसे स्कूली पाठयक्रम गतिविधियों में भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में अधिकांश मृत्यु (लगभग 70 फीसद) बाइकर्स की होती है, जिसकी उम्र सीमा 16 से 30 की होती है। इसके लिए जिला प्रशासन आमजनों के साथ -साथ लक्षित समूह व उनके अभिभावकों को जागरूक करेगी। जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा माह की अंतर्गत ड्राइविग लाइसेंस की जांच व ड्राइवर की नेत्र जांच कार्यक्रम करेगा।
वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. एम तमिल वाणन ने कहा कि परिजनों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन नहीं चलाने देना चाहिए। वहीं बच्चे भी अपने परिजनों को बिना हेलमेट वाहन चलाने से रोकें। सड़क सुरक्षा माह के तहत शहर में मुख्य चौक-चौराहों पर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनें, कार में सीट बेल्ट का प्रयोग करें। वाहनों में ओवरलोड न करें, सिग्नल न तोड़ें आदि। दुर्घटनाग्रस्त की मदद करें, होंगे सम्मानित वरीय पुलिस अधीक्षक ने सेमिनार में बताया कि किस तरह एक आम आदमी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद कर अच्छा नागरिक (गुड समेरिटन) बन सकता है।इसके लिए सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद कर सकते हैं। दुर्घटना स्थल पर पुलिस की मदद कर सकते हैं। इसके लिए ना तो पुलिस आपको पूछताछ के लिए बाध्य कर सकती है, ना अस्पताल कर्मी आपका नाम-पता बताने के लिए बाध्य कर सकते हैं। गुड समेरिटन को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जा सकती है। इसके साथ ही गुड समेरिटन प्रमाणपत्र भी दिया जा सकता है. उन्होंनें दुर्घटना स्थल पर आमलोगों मानवीय व्यहार करने की अपील की ।
इस अवसर पर उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने कहा कि आजकल के बच्चे स्टंट करते हैं, जिससे वे दुर्घटना को आमंत्रित करते हैं। अपने आपको व परिवार को बचाना है, तो सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना जरूरी है। इससे पूर्व जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह व विषय (सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा) पर विषय प्रवेश किया।
इस अवसर पर अपर उपायुक्त प्रदीप प्रसाद, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम नीतीश कुमार सिंह, निदेशक डीआरडीए सौरव कुमार सिन्हा, उपप्रधानाचार्य टैगोर एकेडमी, जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकरी रोहित कुमार समेत काफी संख्या में स्कूल के छात्र -छात्राएं उपस्थित थे।