Jharkhand Politics: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ विभिन्न दलों के प्रतिनिधि अमित शाह से मिले, लेकिन सरना धर्म कोड पर नहीं की बात
Jharkhand Politics सालखन मुर्मू ने कहा कि हेमंत सरकार बार-बार आदिवासी समाज के साथ धोखा कर रही है। आज संविधान विरोधी जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की बैठक भी एक धोखा है। टीएसी की नियमावली पर राज्यपाल झारखंड को गौर करना चाहिए था।
जमशेदपुर, जासं। आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मयूरभंज (ओडिशा) के पूर्व भाजपा सांसद सालखन मुर्मू ने एक बार फिर झारखंड सरकार पर हमला बोला है। सालखन ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड से दिल्ली गई विभिन्न दलों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, लेकिन सरना धर्म कोड के मामले को नहीं उठाकर झारखंड समेत तमाम आदिवासियों के साथ छलावा कर दिया। भारत के प्रकृति पूजक 15 करोड आदिवासी समाज के साथ एक बड़ा धोखा है। यह तब हुआ, जब पहले जाति जनगणना के साथ सरना धर्म कोड के मामले को उठाने की घोषणा की गई थी।
टीएसी की बैठक भी धोखा
मुर्मू ने कहा कि हेमंत सरकार बार-बार आदिवासी समाज के साथ धोखा कर रही है। आज संविधान विरोधी जनजातीय सलाहकार परिषद (टीएसी) की बैठक भी एक धोखा है। टीएसी की नियमावली पर राज्यपाल, झारखंड को गौर करना चाहिए था। लगता है कि उन्होंने भी जाने-अनजाने इसकी अवहेलना की है। बर्तमान टीएसी पांचवीं अनुसूची की धारा 4 (3) का उल्लंघन और अतिक्रमण है।
जमीन लूट की छूट
पूर्व सांसद ने कहा कि हेमंत सरकार ने 23 मार्च 2021 को झारखंड विधानसभा में लैंड पूल बिल पास कर सीएनटी/ एसपीटी कानून को छेद कर नगरों के चारों तरफ 10 किलोमीटर के दायरे में जमीन लूट की छूट पूंजीपतियों को दे दी है। इनके साथ 27-28 अगस्त 2021 को दिल्ली में 10 हजार करोड़ रुपये का एमओयू कर लिया है।
कई मामले लंबित, 30 को प्रदर्शन
झारखंडी स्थानीयता नीति, नियोजन नीति और न्यायपूर्ण आरक्षण नीति आदि का मामला अब तक लंबित है। यह झारखंडी आत्मा की तरह हैं। आज बिन आत्मा के शरीर की तरह झारखंड भटक रहा है। सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान अन्य संगठनों के साथ मिलकर 30 सितंबर 2021 को पांच प्रदेशों में उपरोक्त मुद्दों के लिए धरना-प्रदर्शन करेगी।