रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों से मंगाना गलत, संज्ञान ले प्रशासन : मोदी

Jamshedpur News. भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी ने कहा कि कोरोना मरीजों के दाखिले के बावजूद कुछ प्राइवेट अस्पतालों का गैरपेशेवर रवैया मरीजों व उनके परिवार को परेशान कर रहा है। इस संदर्भ में जिला प्रशासन को संज्ञान लेना चहिए।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 29 Apr 2021 08:51 PM (IST) Updated:Thu, 29 Apr 2021 08:51 PM (IST)
रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों से मंगाना गलत, संज्ञान ले प्रशासन : मोदी
भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। शहर के अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। बहुत पैरवी व मिन्नतों के बाद लोगों को अस्पतालों में बेड मिल रहे हैं। अस्पतालों में दाखिले के बावजूद  कुछ प्राइवेट अस्पतालों का गैरपेशेवर रवैया मरीजों व उनके परिवार को परेशान कर रहा है।

इस संक्रमण काल में अस्पतालों का यह रवैया मानवीय नहीं है। इस संदर्भ में जिला प्रशासन को संज्ञान लेना चहिए। यह बातें भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी ने कहीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोना पीड़ित मरीज के दाखिले के बाद स्थिति में सुधार ना होने पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लिखा जा रहा है, जो जमशेदपुर क्या झारखंड के किसी भी दवा दुकान में बिक्री हेतु उपलब्ध नहीं है। यह सिर्फ अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में इस इंजेक्शन को लिखने की क्या आवश्यकता है, यह समझ से परे है।

ये की गंभीर शिकायत

इसी क्रम में मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर अस्पताल द्वारा TOCILZUMAB इंजेक्शन लिखा जा रहा है। यह इंजेक्शन जमशेदपुर तो क्या देश के बड़े शहरों में भी बमुश्किल उपलब्ध है। यह इंजेक्शन भी सिर्फ अस्पताल को मिलता है, परंतु अस्पताल द्वारा मरीज के परिजनों को लिख देने के कारण मरीज के परिजन इस पुर्जे को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। पर इंजेक्शन उपलब्ध हो, तब तो मिले। मरीज के स्वजन अपने मरीज को बचाने की खातिर आकाश पाताल एक कर देते हैैं, पर यह इंजेक्शन नहीं मिलता। इसके बावजूद डॉक्टरों द्वारा रोज इस इंजेक्शन का लिखना जारी है। यह बेहद हास्यास्पद और दर्दनाक स्थिति है। सरकार ने इस पर नज़र रखने हेतु क्षेत्रवार ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति की है, पर इस मामले में वे भी निष्प्रभावी साबित हो रहे हैं। कुछ लोग आपदा में भी अवसर खोज रहे हैं, यह आदर्श स्थिति नहीं है। यह मानवाधिकार उलंघन का भी मामला बनता है। उन्होंने जिला प्रशासन से मार्मिक अपील की है कि अस्पतालों के इस रवैये पर लगाम लगाए, ताकि आम जनता का भला हो सके।

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