जुगसलाई का रोशन अली 60 दिनों के पेरोल पर रिहा
सुंदरगढ़ के कारोबारी के अपहरण मामले में सजायाफ्ता है रोशन अली ओडिशा व बंगाल में भी था सक्रिय इंटर स्टेट गैंग से रहा है जुड़ाव।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जुगसलाई गौरीशंकर रोड निवासी बंगाल और ओडिशा में भी अपराध जगत में चर्चित रहे रोशन अली को ओडिशा उच्च न्यायालय ने 60 दिनों के पे रोल पर रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं। ओडिशा के सुंदरनगगढ़ जिले से रिहा कर दिया गया। लंबे समय के बाद रोशन अली ओडिशा और जमशेदपुर के घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद रहा है। सुंदरगढ़ जिले के बड़े कारोबारी राजगांगपुर निवासी सांवरमल गड़ोदिया के अपहरण रोशन अली और उसके साथियों ने 24 जनवरी 2004 को अपहरण कर लिया था। पांच करोड़ फिरौती मांगी गई थी। 10 फरवरी 2004 को छत्तीसगढ़ के शंकरगढ़ से वीरेंद्र जायसवाल के फार्म से कारोबारी को मुक्त कराया गया था। मामले मे रोशन अली, राजेंद्र मिश्रा, अतुल पांडेय, अब्दुल क्यूम, शमीम सिद्दकी, प्रदीप श्रीवास्तव, संतोष झा, राजेंद्र साह, वीरेंद्र जायसवाल को आरोपित बनाया गया था। आरोपितों को 2007 में सुंदरगढ़ के जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इनमें प्रदीप, संतोष व राजेद्र साहू को बरी कर दिया गया था। ओडिशा हाईकोर्ट ने भी सभी आरोपितों की सजा बरकरार रखी। जिस समय सजा सुनाई गई थी। रोश्न अली घाघीडीह जेल में बंद था। जमशेदपुर में भी रोश्न अली के खिलाफ जुगसलाई और बिष्टुपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज थी। टाटा स्टील परिसर में 90 के दशक में हुई गोलीकांड में वह आरोपित था। जमशेदपुर अदालत में उसके खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई होने के बाद उसे सुंदरगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया था। रोशन अली का इंटर स्टेट गैंग से जुड़ाव रहा है। राउरकेला में भी एक समय उसका सिक्का चलता था। कोलकाता के लॉटरी के कारोबारी भूतनाथ और उसके पुत्र पवन सर्राफ के अपहरण मामले में उसकी तलाश बंगाल पुलिस को रही थी। फिलहाल पे रोल पर उसकी रिहाई से जुगसलाई में सरगर्मी तेज है। रोशन के ही साथी अब्दुल क्यूम पे रोल पर रिहा हुआ था इसके बाद वह वापस लौटा ही नही।