कोरोना में नोच रहे ‘गिद्ध’, पढें चिकित्सा जगत की अंदरूनी खबर

विलुप्त हो रहे ‘गिद्ध’ कोरोना में लाल चींटी की तरह बाहर निकल आए हैं। ये गिद्ध पशु नहीं बल्कि मनुष्य के रूप में स्वर्ण जैसी धरती पर मौजूद हैं जो जिंदा इंसान को ही नोच रहे हैं। उनकी जान ले रहे हैं और मानवता को शर्मसार कर रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 04:55 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:24 PM (IST)
कोरोना में नोच रहे ‘गिद्ध’, पढें चिकित्सा जगत की अंदरूनी खबर
इंटरनेट मीडिया पर डाॅक्टरों द्वारा शेयर तस्वीर। Healthline

जमशेदपुर, अमित तिवारी। Jamshedpur Healthline विलुप्त हो रहे ‘गिद्ध’ कोरोना काल में लाल चींटी की तरह बाहर निकल आए हैं। ये गिद्ध पशु नहीं, बल्कि मनुष्य के रूप में स्वर्ण जैसी धरती पर मौजूद हैं, जो जिंदा इंसान को ही नोच रहे हैं। उनकी जान ले रहे हैं और मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। हालांकि, उनका काला चेहरा भी सामने आ रहा है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

आइएमए महिला विंग की अध्यक्ष डॉ. वनिता सहाय ने इंटरनेट मीडिया पर गिद्ध की फोटो शेयर कर लिखा है कि आप विलुप्त नहीं हुए हैं। आप आज भी हमारे बीच मौजूद हैं, जो कोरोना काल में दिख रहे हैं। वहीं, कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने भी ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को कड़ी सजा देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है, ताकि दोबारा कोई हिम्मत भी नहीं जुटा पाए। यह देश को शर्मिंदा करने वाली घटना है।

‘पॉजिटिव पोस्टर’ से हड़कंप

जिसे कोरोना नहीं है, उसके घर पर भी पॉजिटिव केस का पोस्टर चिपका दिया जा रहा है। इसे लेकर लोगों में हड़कंप मचा हुआ है कि यह क्या हो रहा है, कैसे हो रहा है। घर में कोई भी संक्रमित नहीं, फिर भी पोस्टर क्यों चिपकाया जा रहा है। अब नया मामला सिदगोड़ा के बारा फ्लैट से आया है। घटना गुरुवार की है। दोपहर में फ्लैट के एक परिवार किसी काम से बाहर निकले हुए थे। उसी दौरान उनके दरवाजे पर कोरोना पॉजिटिव केस का पोस्टर चिपका दिया गया। यह पोस्टर कौन चिपकाया, यह तो जानकारी नहीं लेकिन, उसपर डीसी ऑफिस का लोगो जरूर लगा हुआ है। पोस्टर में तीन फोन नंबर भी दर्ज हैं। उस नंबर पर संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं। देर शाम जमशेदपुर अक्षेस से जवाब आया कि गलती से हो गई होगी। तब जाकर घर वालों ने राहत की सांस ली।

वैक्सीन के लिए ‘दादागिरी’

वैक्सीन के लिए दादागिरी हो रही है। इससे स्वास्थ्यकर्मी नाराज हैं। वे विरोध जता रहे हैं। काम नहीं करने की चेतावनी दे रहे हैं। अगर जल्द ही इसपर काबू नहीं पाया गया तो स्थिति भयावह हो सकती है। वैसे ही पूर्वी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है। ऐसी परिस्थिति में किसी तरह स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान की बाजी लगाकर मैदान में डटे हुए हैं। उसमें भी उनके साथ अभद्र व्यवहार व मारने की धमकी दी जा रही है। बीते गुरुवार को कदमा न्यू फार्म एरिया वैक्सीन सेंटर में बिना पात्रता दो दर्जन से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाई गई। ड्यूटी पर तैनात मजिस्ट्रेट व स्वास्थ्य कर्मचारियों पर दबाव बनाकर ऐसा किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने गलत का विरोध किया तो हंगामा शुरू हो गया। घटना का आरोप एक मंत्री के कार्यालय प्रभारी पर लगाया जा रहा है। उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।

दिनभर इंतजार, नहीं मिल रही किट

दिनभर इंतजार करने के बाद भी पीपीई किट नहीं मिल रही है, जो कोरोना के खिलाफ छिड़ी लड़ाई को कमजोर कर रही है। वायरस की चेन को तोड़ने के लिए अधिक से अधिक लोगों की जांच कर उन्हें आइसोलेट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन इसमें स्वास्थ्य विभाग के ही कुछ कर्मचारी खलल डाल रहे हैं। विभाग से जांच ड्यूटी में तैनात नर्सों को पीपीई किट दी जाती है। उसके बाद वे उसे पहनकर सैंपल लेने का काम शुरु करती हैं। लेकिन, बीते कुछ दिनों से पीपीई किट नहीं मिल रही है। अगर मिल भी रही है तो दोपहर दो बजे तक। इससे जांच अभियान लगातार प्रभावित हो रहा है। शहर में चलने वाले जांच अभियान के तहत कर्मचारी ड्यूटी स्थल पर पहुंच जाते हैं, लेकिन पीपीई किट के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ता है। बीते गुरुवार को भी पीपीई किट नहीं मिली और कर्मचारी वापस लौट गए।

chat bot
आपका साथी