यहां पढ़िए सरकारी दफ्तरों की अंदरुनी खबरें : माल है तो ताल है
Jamshedpur News कोरोना काल में सरकारी दफ्तर में फरियादियों का जाना मना है। हाकिम का दर्शन किए तो जमाना हो गया। कई ऐसे भक्तगरण हैं जो इस महामारी में भी साहब से मिलने की आस में डीसी आफिस पहुंच ही जाते हैं।
जमशेदपुर, जासं। कोरोना अपनी जगह है, काम अपनी जगह। राजस्व का काम नहीं रूकना चाहिए। अभी पिछले दिनों विधानसभा की समिति भी आई थी, जिसने इसी बात का निर्देश दिया था कि जहां-जहां से राजस्व मिलता है, उसमें तेजी होनी चाहिए। इसी का नतीजा है कि निबंधन या रजिस्ट्री विभाग धड़ल्ले से चल रहा है।
सुबह 10 से एक बजे और शाम चार से छह-सात बजे तक यहां चहल-पहल रहती है। जिला बंदोबस्त कार्यालय व कोषागार विभाग भी आराम से चल रहा है। जिला परिवहन विभाग में भी ड्राइविंग लाइसेंस छोड़कर वह सभी काम हो रहे हैं, जिससे सरकार को भरपूर राजस्व मिलता है। सड़क पर गाड़ियां नहीं दौड़ेंगी, तो सरकार की गाड़ी कैसे चलेगी। माल है तो ताल है की तर्ज पर सरकारी विभाग चल रहे हैं। किसी की आवाजाही पर रोक-टोक नहीं है। मास्क नहीं पहनने पर टोका जाता है। शारीरिक दूरी भी देखी जाती है।
डीसी आफिस में अजीब सा सन्नाटा
जिला मुख्यालय की बात ही अलग है। यहीं से पूरे जिले का कोरोना कंट्रोल हो रहा है, इसलिए यहां का माहौल थोड़ा बदला-बदला है। कोरोना का संक्रमण बड़ी तेजी से फैल रहा है। लिहाजा यहां के सभी अधिकारी दिन-रात इस पर अंकुश लगाने में जुटे हैं। इसकी वजह से डीसी आफिस परिसर में अजीब सा सन्नाटा दिखता है। हालांकि इसकी एक वजह गेट के पास रखी शिकायत पेटी भी है। अधिकतर नेता-जनता इसी में अपनी बात डालकर निकल जाते हैं। कुछ को अंदर घूमने का मन भी करता है तो गेट से झांकते ही बायीं ओर सफेद-सफेद कुछ हिलता-डुलता हुआ दिखता है। वहीं खाकी वाले भी दिखते हैं। गेट से घुसते ही उन्हें कोरोना जांच के लिए कोने में जाने को कहा जाता है। यह नजारा देखकर ही घुसने वाला एकबारगी सिहर जाता है। वह अधिकारी या कर्मचारी से मिलने का इरादा भूल जाता है।
बीडीओ-सीओ आफिस भी कोरोना में व्यस्त
कोरोना में सबसे ज्यादा खटनी निकाय कर्मियों के साथ बीडीओ-सीओ आफिस की हो रही है। इन्हें आफिस में अपनी कुर्सी झाड़ने भर का ही मौका मिल रहा है। इसके बाद फील्ड में निकल जा रहे हैं। बीडीओ अपने कर्मचारियों के साथ सुंदरनगर व गोविंदपुर निकल जाते हैं, जबकि सीओ अपने अमले के साथ परसुडीह और बागबेड़ा में कोरोना जांच और सुबह से रात तक सीलिंग करने में जुटे रहते हैं। बड़े साहबाें को इन सब पर नजर रखते हुए तमाम तरह की बैठक के लिए भी समय निकालना पड़ता है। आखिर करें क्या। इनके दफ्तर में कम लोड नहीं है। शादी-ब्याह की अनुमति वाले शिकायत पेटी में आवेदन डालकर चले जाते हैं, जिसे शाम को अनुमति पत्र वाट्सएप पर भेजना होता है। दूसरे काम भी ऑनलाइन हो रहे हैं। इसकी वजह से कार्यालयों में बाहरी लोगों की आवाजाही कम हो गई है। नेतागिरी पर भी चोट पहुंची है।
कोरोना से पस्त हुआ सेल्स टैक्स विभाग
कोरोना की मार हर विभाग पर कुछ न कुछ पड़ी है, लेकिन सेल्स टैक्स विभाग ज्यादा पस्त हो गया है। राज्य सरकार के लिए सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला विभाग काम के बोझ से कम कोरोना की वजह से सुस्त पड़ गया है। जमशेदपुर अंचल के उपायुक्त रतनलाल गुप्ता कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं, तो संयुक्त आयुक्त संजय कुमार प्रसाद भी एहतियात के तौर पर होम आइसोलेशन में चले गए हैं। जमशेदपुर प्रमंडल के कई अधिकारी-कर्मचारी के साथ कर-अधिवक्ता भी पॉजिटिव हो गए हैं। कमर्शियल टैक्स बार कोर्ट भी बंद कर दिया गया है। इसका असर फर्जी ई-वे बिल वाले ट्रकों के पकड़ने-धकड़ने के काम पर भी पड़ा है। अधिकारी नई गाड़ियों को पकड़ने से भी हिचकिचा रहे हैं। इससे फर्जीवाड़ा करने वाले टैक्स चोरों को मनचाही मुराद मिल गई है, लेकिन उनकी शामत आ गई है जो पहले से विभाग के चंगुल में फंसे हैं।