जब रतन टाटा ने प्राइस लिस्ट देख खरीदा पियानो, रिटायरमेंट के बाद करते हैं इन दो चीजों से प्यार
टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा को भला कौन नहीं जानता। उनकी सादगी का भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कद्रदान है। लेकिन आपको पता है कि रतन टाटा भी आम लोगों की तरह प्राइस लिस्ट देखकर सामान खरीदते हैं।
जमशेदपुर : रतन टाटा भारत के अब तक के सबसे प्रभावशाली बिजनेस मैग्नेट में से एक हैं। टाटा समूह के विकास में टाटा संस के मानद चेयरमैन एमेरिटस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। टाटा अपने साधारण व्यक्तित्व और परोपकारी गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं और उन्हें दुनिया भर में सम्मान की नजर से देखा जाता है। रतन टाटा को टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हुए कई साल हो चुके हैं। लेकिन आज भी वह 83 साल की उम्र में टाटा ट्रस्ट का नेतृत्व कर रहे हैं।
रतन टाटा ने एक साक्षात्कार में कहा था, मैं रिटायरमेंट की उम्र को लेकर बहुत हूं। क्योंकि जब आप बुजुर्ग होते हैं तो पहली बात यह होती है कि आपकी याददाश्त विफल हो जाती है। लेकिन आप कहते हैं कि यह केवल मेरी याददाश्त है, तब आपका शरीर चला जाता है और आप व्हीलचेयर पर होते हैं। लेकिन आप कहते हैं कि आपका दिमाग ठीक है। लेकिन अंत में, आपको कौन कह रहा है कि आप नेतृत्व करने के योग्य नहीं हैं? इसलिए, ऐसी नीति बनाना बेहतर है जो परिभाषित करे कि आप कब रिटायर होंगे। मैंने टाटा समूह में ऐसी ही नीतियां बनाई।
पेंटिंग व पियानो से है प्यार
उन्होंने पेंटिंग, ड्राइंग व पियानो के प्रति अपने प्यार को कभी नहीं छुपाया। रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा रुके नहीं। उन्होंने पियानो बजाना सीखा। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने एक इलेक्ट्रॉनिक पियानो खरीदा।
आम लोगों की तरह प्राइस लिस्ट देखकर खरीदते है सामान
आप आश्चर्यचकित होंगे कि जो टाटा समूह का मालिक है, क्या वह भी दुकान में जाकर पियानो को मूल्य देखता होगा। जी हां, रतन टाटा की सादगी ऐसी ही है। उन्होंने अपनी यादों को साझा करते हुए कहा, प्राइस लिस्ट देखने के बाद ही मैंने पियानो लेने का फैसला किया।
जब उनसे पूछा गया कि आपको भी किसी सामान का प्राइस लिस्ट देखने की चिंता होती है। वह मुस्कुराते हुए कहते हैं, चिंता मत करो। मुझे बहुत चिंताएं हैं।
पियानो सीखने के लिए रखा टीचर
जब उनसे पूछा गया कि रिटायरमेंट के बाद पेंटिंग व पियानो कितना सीखा। उन्होंने बताया, पेटिंग में कभी ज्यादा समय नहीं दे पाया, लेकिन पियानो बजाना जरूर सीख चुका हूं। मुझे एक पियानो टीचर मिल गया और जो हुआ उसका मैंने आनंद लिया। लेकिन इसमें बहुत अभ्यास की जरूरत है। पियानो बजाने में बहुत सारी मेहनत लगती है, जिसे करने के लिए मेरे पास दृढ़ता नहीं है। और यह एक ऐसी चीज है जिसका मुझे बहुत अफसोस है। क्योंकि वह होगा एक और बात रही है। पियानो बजाना आर्किटेक्चर की तरह ही मुश्किल है।
टाटा ने कार्नेल यूनिवर्सिटी से ली है आर्किटेक्चर की डिग्री
यहां बताते चले कि रतन टाटा ने अमेिरका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल किया था। वह अमेरिका में आर्किटेक्चर के क्षेत्र में बिताए उस पल को जीवन का सबसे सुनहरा पल मानते हैं। वह कहते हैं, इससे आपको फर्क नहीं पड़ता कि आपने अमेरिका में दस साल बिताए। जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं तो पता चलता है कि आज महसूस करता हूं कि वापस आकर भारत में काफी कुछ देखने को मिला। भारत एक ऐसा प्यारा देश है, जहां सभी के लिए समान अवसर ैहै। उस समय इस बात का फर्क नहीं पड़ता था कि आपका क्या नाम है या फिर आप कितने बड़े परिवार से आते हैं। या फिर आपके पास कितना पैसा हैै।