रतन टाटा ने लकवाग्रस्त Sprite को दिलाया घर, इंस्टाग्राम पर शेयर की दिल छू लेने वाली बात
रतन टाटा इंसान तो इंसान डॉगी के प्रति इतना संवेदनशील हैं कि उसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। सड़क दुर्घटना में घायल डॉगी को रतन टाटा ने न सिर्फ अपने घर पर रखा बल्कि उसका उपचार भी कराया।
जमशेदपुर : टाटा समूह के चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा जितना मानव के प्रति संजीदा हैं, ठीक उसी तरह वह डॉगी के प्रति अपने प्यार के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में रतन टाटा ने एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने एक आवारा कुत्ते के लिए घर खोजने की बात कही है। रतन टाटा ने Sprite नाम के इस अवारा कुत्ते को गोद लेने की बात कही है। इसकी गोद लेने की अपील उन्होंने दिसंबर 2020 में अपने इंस्टाग्राम पर किया था।
सड़क दुर्घटना के बाद लकवाग्रस्त हो गया था स्प्राइट
रतन टाटा ने 12 दिसंबर को अपने प्रशंसकों के साथ साझा की गई पोस्ट में लिखा कि आप सभी ने पहले दो बार उदारतापूर्वक और सफलतापूर्वक मेरी मदद की है। जिसके लिए मैं आप सभी का दिल से आभारी हूं। मैं एक बार फिर स्प्राइट (डॉगी का नाम) के लिए एक प्यारा परिवार खोजने में मेरी मदद करने का अनुरोध कर रहा हूं, जो बहुत कुछ झेल चुका है। एक दुर्घटना के बाद उसका पिछला पैर लकवाग्रस्त हो चुका है। पोस्ट में रतन टाटा एक तस्वीर और एक क्लिप साझा किया है, जिसमें स्प्राइट काफी फुर्तीला व खुश नजर आ रहा है।
Animal Rescuer कविता भारद्वाज के प्रति जताया आभार
इंस्टाग्राम पर रतन टाटा ने तीन कहानियां साझा करते हुए लिखा है कि पुच (डॉगी का नाम) को एक दयालु व्यक्ति ने गोद लिया है। उन्होंने स्प्राइट का एक वीडियो साझा करते हुए अपनी पहली कहानी में लिखा है, आपको स्पारइट याद है ना, वहीं पैरापेलिक कुत्ता, जिसे घर की जरूरत थी। रतन टाटा ने इसके बाद एनिमल गार्जियंस मुंबई और एनिमल रेसक्यूआर कावेरी भारद्वाज को धन्यवाद दिया है। कावेरी भारद्वाज ने स्प्राइट को अपने घर में हमेशा के लिए खुशी से गोद लिया है। अंतिम कहानी में रतन टाटा ने अपने नए घर के लिए तैयार खुशमिजाज स्प्राइट की एक तस्वीर साझा किया। रतन टाटा की गोद लेने की कहानी वास्तव में दिल को छू लेने वाली है।
पहले डॉगी की याद में भावुक हो गए टाटा
इंस्टाग्राम पर अपने पहले डॉगी टिटो की यादें साझा करते हुए रतन टाटा ने लिखा है, मुझे आज भी अपना पहला डॉगी याद है। हम दोनों के बीच जो भावनात्मक लगाव था उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता। हम दोनों जुहू बीच पर जाते थे और खूब खेलते थे। टिटो को कार का हॉर्न बजाना भी आता था। मैं उसे अपना पालतू डॉगी नहीं मानता था। वह डॉगी से बढ़कर था।