Ground Report : पुरातन काल में जी रहा झारखंड के बोड़ाम का रसिकनगर पंचायत

Ground Report बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में बसा ढेचू कूल्ही नामक एक गांव ऐसा भी है जो आजादी के बाद भी पुरातन काल में जी रहा है। इस गांव में आज तक पक्की सड़क भी नहीं बनी है। यहां न कोई स्कूल है ना आंगनबाड़ी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 04:55 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 04:55 PM (IST)
Ground Report : पुरातन काल में जी रहा झारखंड के बोड़ाम का रसिकनगर पंचायत
बोड़ाम प्रखंड का रसिकनगर पंचायत बंगाल से सटा हुआ है।

मिथिलेश तिवारी, पटमदा : पूर्वी सिंहभूम जिला के बोड़ाम प्रखंड का रसिकनगर पंचायत बंगाल से सटा हुआ है। यह जिला मुख्यालय से 30 और प्रखंड मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर है। यह पंचायत भौगोलिक दृष्टिकोण से काफी अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसके बावजूद आज भी इस पंचायत के कई टोले सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में बसा ढेचू कूल्ही नामक एक गांव ऐसा भी है, जो आजादी के बाद भी पुरातन काल में जी रहा है। इस गांव में आज तक पक्की सड़क भी नहीं बनी है। यहां न कोई स्कूल है, ना आंगनबाड़ी।

पढ़ाई के लिए आज भी यहां के बच्चे-युवा बंगाल के स्कूलों पर ही निर्भर हैं। युवा दिलीप महतो बताते हैं कि यातायात के अभाव में झारखंड के स्कूल में नामांकन नहीं कराते हैं। इस पंचायत में रसिकनगर, बड़ा सुसनी, छोटा सुसनी, खड़ियागोटा आदि गांवों को मिलाकर पंचायत की कुल आबादी करीब चार हजार है। हमारे गांव की सड़क दो राज्यों के बीच होने के कारण इसे न झारखंड सरकार बना रही है, ना बंगाल सरकार का इस ओर ध्यान है। दोनों राज्य सरकार के बीच हमारी जिंदगी अधर में लटक रही है। इस टोला में सड़क के दो किनारे झारखंड के 15 परिवार और सड़क की दूसरी ओर बंगाल के 12 परिवार निवास करते हैं।

हमारे टोला में आज तक कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा। सरकारी कर्मचारी भी पंचायत प्रतिनिधियों से ही हमारा हालचाल जान लेते हैं। उन्हें भी यहां आने का समय नहीं मिलता। सड़क के दोनों किनारे झारखंड और बंगाल सरकार ने बिजली का खंभा लगाकर बिजली तो पहुंचा दी है, लेकिन जरूरत की दूसरी सुविधाएं देना भूल गए।

- राजीव महतो, ढेबचू कूल्ही

मेरे घर में राशन कार्ड काफी दिन बाद बना है। हालांकि इसका भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी राशन की दुकान घर से करीब पांच किलोमीटर दूर होने और उबड़-खाबड़ रास्ता होने की वजह से वहां तक पहुंचना काफी मुश्किल लगता है। मुझे या मेरे पति को सरकार की ओर से कोई पेंशन, आवास समेत अन्य सुविधा नहीं मिल रही है।

- करुणा महतो, रसिकनगर

मैं 11वीं में पढ़ता हूं। हमारे टोला में प्राथमिक, मध्य या उच्च विद्यालय नहीं है, इसलिए बंगाल के स्कूल में पढ़ता हूं। यहां से झारखंड के सभी स्कूल-कालेज काफी दूर रहने के कारण अधिकांश युवा बंगाल के स्कूल में ही पढ़ाई कर रहे हैं। बंगाल से पढ़ने की वजह से ना हमें झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग की कोई सुविधा मिलती है, ना बंगाल सरकार से कोई सुविधा मिलती है।

- शिवचरण महतो, खड़ियागोटा

पंचायत के अधिकांश गांव में पंचायत निधि से पीसीसी रोड, 10 जलमीनार, 300 स्ट्रीट लाइट और करीब 400 पीएम आवास का निर्माण कराया गया है। सरकार की अधिकांश योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास किया गया है, ताकि पंचायत की जनता की समस्या का समाधान कराया जा सके।

- किष्टो मोदी, मुखिया

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