Covid Vaccination : रैपिड कोविड वैक्सीन से कॉरपोरेट जगत के चेहरे खिले, बाजार में ऐसे आ रही तेजी

Rapid Covid Vaccination कोरोना के कहर से कराह रहे देश को वैक्सीन ने सहारा दिया। भारत ने 100 करोड़ लोगों को टीका लगाकर इतिहास रच दिया। कॉरपोरेट जगत भी खुश है क्योंकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है...

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 11:45 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 11:45 AM (IST)
Covid Vaccination : रैपिड कोविड वैक्सीन से कॉरपोरेट जगत के चेहरे खिले, बाजार में ऐसे आ रही तेजी
Covid-19 : रैपिड कोविड वैक्सीन से कॉरपोरेट जगत के चेहरे खिले, बाजार में ऐसे आ रही तेजी

जमशेदपुर : वैश्विक महामारी कोविड 19 के कारण मार्च 2020 में भारत में देशव्यापी लॉकडाउन हुआ। बाजार, कंपनियां, दुकानें बंद हो गई। इसका सीधा असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ी। शेयर बाजार क्रैश हो गया। कई कंपनियों के शेयर ऑल टाइम लो पर चले गए। लेकिन कोविड 19 के दूसरे वेव के बाद केंद्र सरकार ने जिस तरह की पहल की और लोगों की जान बचाने के लिए जिस तरह से सामूहिक स्तर पर रैपिड वैक्सीन कार्यक्रम चलाया। उससे वैक्सीन ले चुके कर्मचारियों के मन में कोविड 19 के प्रति डर कम हुआ। लोग भी खरीदारी करने बाजार में निकले। दुकानें, शॉपिंग मॉल, शोरूम फिर से खुले तो कंपनियाें में उत्पादन भी बढ़ा। बाजार में आई इस तेजी का फायदा हमारी अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रूप से पड़ा।

आर्थिक सुधार में आई तेजी

वित्त मंत्रालय के अनुसार, भारत की आर्थिक सुधार ने सितंबर माह से गति पकड़ी है। कोविड 19 के दूसरी लहर के बाद वैक्सीन में आई तेजी से बाजार उत्साहित है। वर्तमान समय में हम कोविड 19 से पहले की स्थिति में 90 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोविड 19 का वैक्सीन देश की 100 करोड़ की जता को दिया जा चुका है।

जाने कंपनी मालिकों की क्या है राय

टाटा स्टील : कंपनी के सीईओ सह प्रबंध निदेशक सह सीआईआई के प्रेसिडेंट टीवी नरेंद्रन का मानना है कि देश विकास की गति को फिर से हासिल करेगा जो महामारी से पूर्व था। हमारा अनुमान है कि देश का जीडीपी 9.5 प्रतिशत रहेगा। आरबीआई की तरह आईएमएफ ने भी इसी आंकड़े को दर्शाया है। इस आंकड़े का मतलब है कि भारत की विकास गति सबसे तेज होगी।

अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। इस वजह से महामारी से पहले हम अपने पुराने विकास गति पर लौट रहे हैं। स्टील सेक्टर की तरह हम कई अन्य सेक्टरों में भी महामारी से पहले वाले स्तर पर पहुंच रहे हैं। हालांकि विमानन, हॉस्पिटेलिटी, टूरिज्म और ऑटो सेक्टर अब तक महामारी के पहले के स्तर तक नहीं पहुंच पाई है। ऑटो सेक्टर में डिमांड अच्छी है लेकिन सेमी कंडक्टर की कमी के कारण आपूर्ति प्रभावित हाे रही है। हालांकि कोविड 19 के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की कमी आई थी।

आदित्य बिड़ला समूह : समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला का कहना है कि कोविड 19 वैक्सीन ड्राइव से भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से पुर्नजीवित होकर अच्छी स्थिति पर पहुंच चुकी है। मुझे लगता है कि भारत रिकवरी के मामले में अच्छा कर रहा है। दो तिमाही के बाद तीसरी तिमाही भी बेहतर होगी। आने वाले समय में हम कोविड 19 के पहले वाली स्थिति पर पहुंच जाएंगे।

बजाज फिनसर्व : कंपनी के प्रेसिडेंट सह प्रबंध निदेशक संजीव बजाज का कहना है कि आईएमएफ का अनुमान बेहतर उत्साहजनक है। अर्थव्यवस्था अपनी पटरी पर लौट आई है। हम 80 से 90 प्रतिशत तक बाजार में रिकवरी हासिल कर चुके हैं। कई उद्योग अपने 100 प्रतिशत तक के पुराने स्तर पर भी पहुंच चुका है। कोविड 19 के कारण हमने अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढ़ांचे में सुधार किया है। लॉकडाउन खत्म होने से अर्थव्यवस्था अपनी पुरानी चाल पर लौट आई है। उम्मीद है कि अगले कैलेंडर वर्ष में हम और बेहतर करेंगे।

कृषि, उद्योग व सर्विस क्षेत्र में भी बेहतर उत्पादन

खरीफ उत्पादन में अनुमानित वृद्धि, रबी विपणन सीजन में गेहूं और धान की रिकॉर्ड खरीद हुई है। लॉकडाउन से मिली छूट के बाद सभी उद्योग अपने पुराने उत्पादन आंकड़ों को हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। जुलाई 2021 में 11.5 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी देखी जा रही है।

वहीं, अगस्त में आठ कोर उद्योग सूचकांक में भी यही आंकड़े रहे। कोविड 19 के पूर्व औद्योगिक विकास की गति अपने स्तर पर पहुंच रही है। वहीहं, उपभोक्ता मांग और कारोबारियों के विश्वास के कारण पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग में 53.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी और पीएमआई सर्विसेज में 55.2 प्रतिशत की रिकवरी देखी जा रही है।

बिजली की खपत में भी निरंतर सुधार

कोविड 19 के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से कई कंपनियों में ताले लग गए थे। मॉल-शोरूम भी बंद होने से होने से बिजली की खपत पर भी असर पड़ा था लेकिन बाजार फिर से खुलने और डिमांड बढ़ने से बिजली की खपत पूर्व के स्तर पर पहुंच रहा है। इसके अलावा रेल माल ढुलाई, ई-वे बिल, जीएसटी कलेक्शन की स्थिति, राजमार्ग टोल कलेक्शन अपने 21 माह के उच्च स्तर पर सुधार का संकेत दे रहे हैं। वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि हवाई माल और यात्री यातायात सेवाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

इसके अलावा डिजिटल लेनदेन में भी अप्रत्याशित उछाल आया है। हालांकि वैश्विक स्तर पर सेमी कंडक्टर की कमी से ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रजिस्ट्रेशन और बिक्री पर जरूर असर पड़ा है।

आपूर्ति श्रृंखला भी बेहतर

लॉकडाउन खत्म होने के बाद आपूर्ति श्रृंखला भी बेहतर हो रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति के अगस्त 2021 में चार महीने के निचले स्तर 5.3 प्रतिशत पर वापस आ गया है। जो यह दर्शाता है कि मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति महामारी प्रेरित था और यह कुछ समय के लिए ही था। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के बाजारों में अस्थिर कीमतों और खाद्य तेलों और स्टील उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी रह सकती है।

भारत का विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस महीने की शुरुआत में 2021 के लिए भारत की विकास दर की घोषणा की है जिसके तहत वर्ष 2021 में भारत का विकास दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि वर्ष 2022 के लिए यह 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा था।

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