Ramnavmi 2021: साकची बाजार के झंडा चौक पर धूमधाम से होती थी रामनवमी, इस बार सादगी से मनेगी
Ramnavmi 2021 लौहनगरी में रामनवमी पूजा काफी धूमधाम से होती थी। यहां के अखाड़ों की ख्याति दूर-दूर तक थी। इसमें साकची बाजार के झंडा चौक पर होने वाली रामनवमी भी शामिल थी। यहां सप्तमी से नवमी तक रात भर भजन संध्या के कार्यक्रम होते थे लेकिन...
जमशेदपुर, जासं। लौहनगरी में रामनवमी पूजा काफी धूमधाम से होती थी। यहां के अखाड़ों की ख्याति दूर-दूर तक थी। इसमें साकची बाजार के झंडा चौक पर होने वाली रामनवमी भी शामिल थी। यहां सप्तमी से नवमी तक रात भर भजन संध्या के कार्यक्रम होते थे, लेकिन इस बार सादगी से रामनवमी मनाई जा रही है।
झंडा चौक पर श्रीरामनवमी बाल मंदिर सेवा समिति की ओर से प्रतिवर्ष रामनवमी उत्सव का आयोजन किया जाता है। समिति के सचिव सह विहिप नेता सुमन अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष रामनवमी महोत्सव बड़ी सादगी के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सप्तमी, अष्टमी व नवमी को पूरे विधि-विधान के साथ पूजन कार्य संपादित होंगे। दशमी को प्रतिमा का विसर्जन होगा। उन्होंने पूरे जिले के समस्त लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचाव के लिए रामनवमी के दिन अपने-अपने घर में हवन करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
परदेशीपाड़ा के ललन अखाड़ा में आते थे मणिपुर व केरल के करतबबाज
सोनारी स्थित परदेशीपाड़ा के ललन अखाड़ा में इस बार कहां से कलाकार आ रहे हैं, शहरवासियों में उत्सुकता बनी रहती थी। यहां कभी केरल के प्रसिद्ध मार्शल आर्ट कलरीपायट्टू के करतबबाज आते थे, तो कभी मणिपुर से थांग ता मार्शल आर्ट के करतबबाज आते थे। यहां सरायकेला व पुरुलिया से भी छऊ के कलाकार आते थे। छऊ में भी युद्ध शैली का नृत्य होता है। वैसे छऊ के कलाकार रामनवमी के कई अखाड़ों में शामिल होते थे, लेकिन केरल व मणिपुर के करतबबाजों या कलाकारों को बुलाने वाला ललन अखाड़ा शहर में इकलौता था। इसके संचालक पन्ना सिंह जंघेल बड़ी तन्मयता से इसका आयोजन करते थे। करीब एक माह पहले से वे तैयारी करते थे। पन्ना सिंह ने अपने मोहल्ले की लड़कियों को रामनवमी अखाड़ों में करतब दिखाने के लिए प्रेरित किया। लेकिन कोरोना ने पिछले वर्ष से ही अखाड़ों की रौनक छीन ली।