Chaibasa Rian Effect: बारिश से झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में जन-जीवन अस्त व्यस्त

रुक-रुक कर हुई बारिश से सड़क परिवहन पर भी असर पड़ा है। सुबह और दोपहर की बसों में यात्रियों की संख्या कम रही। सड़कों पर भी अन्य दिनों की अपेक्षा यातायात की संख्या कम नजर आई। लगातार बारिश से मुख्य सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:23 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:23 PM (IST)
Chaibasa Rian Effect: बारिश से झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में जन-जीवन अस्त व्यस्त
रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

संवाद सूत्र,नोवामुंडी। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के नोवामुंडी प्रखंड क्षेत्र में शनिवार शाम से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इसके चलते सुबह से ही लोग घरों में दुबके नजर आए। बारिश को लेकर सोमवार को बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं आमजनों की दिनचर्या भी प्रभावित रही। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी देर से पहुंचे। मानसून के आखिरी दौर में नोवामुंडी प्रखंड क्षेत्र में दो दिनों से हो रही बारिश का 25 मिली लीटर बर्षानुपात रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।

दिनभर रुक-रुक कर हुई बारिश से सड़क परिवहन पर भी असर पड़ा है। सुबह और दोपहर की बसों में यात्रियों की संख्या कम रही। सड़कों पर भी अन्य दिनों की अपेक्षा यातायात की संख्या कम नजर आई। दो दिनों की लगातार बारिश से मुख्य सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं। आरओबी निर्माण कार्य चलने के कारण सड़क को पूरी तरह से संकीर्ण कर दिया गया। प्रत्येक दिन संकीर्ण गड्ढेनुमा सड़क से होकर सैकड़ों टन माल ढुलाई होने के कारण सड़क चलने लायक नहीं है। वहीं बारिश की पानी सड़क के गड्ढे में भर चुके हैं। नोवामुंडी में शनिवार रात से हो रही दिनरात की बारिश के कारण सोमवार की सुबह सूर्योदय होने के बाद भी यह पता नहीं चल पा रहा था कि सूर्य निकल गया है। बारिश को लेकर कोटगढ़ क्षेत्र से पहुंचे दैनिक मजदूरों को बस स्टैंड से घर लौटना पड़ गया।

फसलों पर पड़ेगा प्रतिकूल असर

बारिश के कारण खरीफ फसलों की कटाई प्रभावित होने की प्रबल संभावना है। अधिकतर इलाके में हल्की फसल कटाई का काम शुरू हो चुका है। हालांकि अब किसान बारिश नहीं चाहते हैं। हालिया बारिश से खेतों में काफी पानी भर गया है। खरीफ फसलों की शुरू होने के साथ ही रबी फसलों की बुवाई में इससे देरी की संभावना है। हालांकि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार रबी की बुवाई के दौरान खेतों में पर्याप्त नमी रहेगी जिसका फायदा किसानों को मिल सकता है। लेकिन मटर और सरसों की बुवाई में देरी तय है। हाल ही के दिन अधिकतर किसानों ने खेतों पर तैयार फसलों को काटकर खलियान में रख दिए हैं। बारिश के चलते खलियान पर रखी फसल को नुकसान होने की संभवना काफी हद तक बढ़ गई है।

दो दिन की बारिश ने जिन्तुगाड़ा में दो परिवार को किया बेघर

उधर, जगन्नाथपुर प्रखंड क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन भी मूसलाधार बारिश के कारण लोग अपने - अपने घरों में दुबके रहे। वही बारिश के कारण बीते रात मालुका पंचायत के जिन्तुगाड़ा गांव में दो कच्चे घर टूट गये। घर टूटने से दो परिवार बेघर हो गये हैं। सोमवार को जिन्तुगाड़ा मौजा के मुण्डा सोमनाथ सिंकु ने घटना की जानकारी दी। हलांकि इस घटना में सिर्फ आर्थिक क्षति पीड़ित परिवार को हुई है जबकि घर में रहने वाले लोग बाल बाल बच गये हैं। घर टूटने की घटना बीती देर रात की है। मुण्डा से मिली जानकारी के अनुसार जिन्तुगाड़ा गांव के टोला बासाबुरु निवासी मुचिया सिंकु का घर तेज बारिश के कारण एक साईड से बुरी तरह से टूट गया है वही दूसरा घर जिन्तुगाड़ा गांव के हाटियासाई निवासी वृद्ध मोती सिंकु का  टूट गया है। दोनों के घर के परिवार के सदस्य पिछले दो दिन से अपने घर के बचे हुए हिस्सा में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीण मुण्डा सोमनाथ सिंकु ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी जगन्नाथपुर से इन बेघर हुए पीड़ित को लिए आर्थिक मुआवजा की मांग की है। साथ ही कहा कि तत्काल इनके लिए कोई राहत कार्य किया जाये। जानकारी हो कि पिछले दो दिन से बेमौसम क्षेत्र में मुसलाधार बारिश हो रही है। जिस कारण नदी नालों का जलस्तर तो बढ़ा ही है साथ ही लोगों का जन जीवन भी खासा प्रभावित हुआ है। साथ ही जिसके कच्चे घर हैं खास कर ग्रामीण जंगल क्षेत्र के उनके लिए लगातार मूसलाधार बारिश काफी चिंता का विषय है। इधर कृषि विज्ञान केंद्र जगन्नाथपुर से मिली जानकारी के अनुसार बीते रविवार को क्षेत्र में 10. 4 मिली मीटर तथा सोमवार को 47. 7 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा प्रखंड के विभिन्न गांव में लगाया गया कोविड वैक्सीनेशन कैम्प भी बारिश के कारण प्रभावित हुआ।

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