हत्या के दोषी अतुल को आजीवन कारावास

गला रेत कर शुभम दास की हत्या कर शव को ट्राली बैग में छुपाने के म

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 07:01 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 06:34 AM (IST)
हत्या के दोषी अतुल को आजीवन कारावास
हत्या के दोषी अतुल को आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : गला रेत कर शुभम दास की हत्या कर शव को ट्राली बैग में छुपाने के मामले में 18 अप्रैल को दोषी ठहराए गए बारीगोड़ा निवासी मृतक के दोस्त अतुल चौरसिया को एडीजे 13 प्रभाकर सिंह की कोर्ट सोमवार को आजीवन कारावास व एक लाख जुर्माना की सजा सुनाई है। धारा 302 हत्या करने में आजीवन कारावास व एक लाख रुपये जुर्माना व धारा 201 साक्ष्य छुपाने में पांच वर्ष की सजा व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इस मामले में 15 लोगों की गवाही कोर्ट में हुई थी, जिसमें चार गवाह नीतू पांडेय, विजय दुबे, कुमुंद नाथ तिवारी, सोनू राय जो मकान मालिक के रिश्तेदार थे, जिरह के दौरान अपनी गवाही से मुकर गए थे।

घटना 31 अगस्त की रात व एक सितंबर 2017 के बीच की है। सूचक की ओर से पूर्व लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार प्रसाद ने कोर्ट में बहस की, जबकि एपीपी एस के महतो के अलावा डिफेंस से अधिवक्ता मदन मोहन सहित तीन अधिवक्ता केस में बहस कर रहे थे।

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मोबाइल कंपनी में कार्यरत था शुभम

शुभम दास आदित्यपुर स्थित एक मोबाइल कंपनी में काम करता था वहां से वह अपनी एक्टिवा से घर के लिए 31 अगस्त 2018 की शाम को निकला था, लेकिन जब देर रात तक घर नहीं पहुंचा तो उसके पिता सुंदरनगर निवासी अरुण दास ने परसुडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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शराब पिलाने के बाद रेत दिया गला

शुभम दास को उसका दोस्त अतुल चौरसिया अपने साथ कीताडीह ग्वालापंट्टी स्थित अमरनाथ दुबे के किराये के मकान में ले गया। जहां 31 अगस्त की रात दोनों ने मिलकर शराब का सेवन किया। अतुल चौरसिया ने कम शराब पी और शुभम को ज्यादा शराब पिलाई। फिर अतुल को एक कुर्सी में बैठाकर उसके दोनों हाथ कुर्सी में बांध दिए और फिर अपने साथ लाए चाकू से शुभम का गला रेत कर उसकी हत्या कर दी।

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सीढि़यों पर खून देख खुला राज

हत्या के बाद अपने साथ लाए ट्राली बैग में शुभम का शव रख कर उसे ठिकाने लगाने से पहले हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू, रुमाल व खून से सने अपने कपड़े को अतुल चौरसिया ने पास के खटाल के झाड़ियों में फेंक दिया। जब आरोपित ट्राली बैग को सीढि़यों से नीचे लेकर आ रहा था तो खून रिसने लगा। तब मकान मालिक की बेटी ने घर में लगे मजदूरों से पूछा कि सीढि़यों में उनलोगों का खून गिरा है क्या। यह बात सुनते ही आरोपित सीढि़यों के नीचे ही शव छोड़कर फरार हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची और ट्राली बैग को खोला और शुभम के आईडी कार्ड पढ़कर उसपर लिखे मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो शुभम के परिजनों को परिजनों को पता चला।

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