Private School Fee Hike: अपने ही जाल में फंस गए जमशेदपुर के प्राइवेट स्कूल, सभी तरह की फीस लेने की बात आइ सामने
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण के अनुसार अगर निजी स्कूलों ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है तो 50 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक फाइन प्रथम चरण में देना पड़ सकता है। अगर यह नहीं दे पाए तो अगली कार्रवाई स्कूलों की मान्यता रद करने की होगी।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। कोविड-19 के कारण राज्य सरकार द्वारा सभी तरह के शुल्क की वसूली की रोक के कारण निजी स्कूलों ने अभिभावकों की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया, लेकिन अभिभावकों ने निजी स्कूलों की चालाकी को खुलकर सामने रख दिया। शिक्षा विभाग ने भी निजी स्कूलों द्वारा फीस में बढ़ोत्तरी किए जाने के कारण सभी स्कूलों से तीन साल का फी स्ट्रक्चर मांगा। अब तक 30 निजी स्कूलों ने फी स्ट्रक्चर जमा कर दिया।
निजी स्कूलों द्वारा जमा किए गए प्रतिवेदन के अनुसार यह बात उभरकर सामने आई है कि स्कूल सभी तरह की फीस वसूल रहे हैं। समर्पित प्रतिवेदन से अब यह स्पष्ट है कि वे अपने ही जाल में फंस गए हैं। जमा प्रतिवेदन में यह साफ हो गया है कि सभी निजी स्कूलों ने ट्यूश्न फी में बढ़ोत्तरी कर दी है। यह बढ़ोत्तरी दस से लेकर 40 प्रतिशत तक है। निजी स्कूलों ने वार्षिक शुल्क, डेवलपमेंट फी एवं अन्य फीस को ट्यूश्न फी में जोड़कर लेने का भी कार्य किया है। चूंकि सरकार ने ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया है, इस कारण स्कूलों द्वारा यह फीस वसूली का यह फंडा अपनाया है। अब शिक्षा विभाग एक समेकित प्रतिवेदन करने में जुट गया है। उसके बाद ही यह पता चल पाएगा कि किस स्कूल ने कितने की फी में बढ़ोत्तरी की है और किस-किस तरह के शुल्क लिए जा रहे हैं। प्रतिवेदन तैयार होने के बाद इसे उपायुक्त के पास भेजा जाएगा। उपायुक्त से अनुमोदन होने के बाद शिक्षा विभाग स्कूलों पर कार्रवाई को आगे बढ़ेगा। झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण के अनुसार अगर निजी स्कूलों ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है तो 50 हजार से लेकर ढाई लाख रुपए तक फाइन प्रथम चरण में देना पड़ सकता है। अगर यह नहीं दे पाए तो अगली कार्रवाई स्कूलों की मान्यता रद करने की होगी।
कोट
पहली बार अभिभावकों की ओर से लिखित शिकायत आ रही है, यह अच्छी बात है। विभाग सारे स्कूलों को शो-कॉज कर जवाब मांग रहा है तथा अपने स्तर से जांच पड़ताल भी कर रहा है। कई स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाए जाने की पुष्टि हो चुकी है। उम्मीद है इस बार कई निजी स्कूल कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
- विनीत कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम।