Print Media : ब्रांड धारणा को प्रभावित करने वाले विश्वसनीय माध्यमों में से एक के रूप में उभरा प्रिंट मीडिया
Print Media कोविड संक्रमण के कारण जिन उद्योगों को सबसे ज्यादा जूझना पड़ा उसमें से एक हैं प्रिंट मीडिया। अखबारों की ब्रिक्री में बड़ी गिरावट देखी गई। कई समाचार पत्र के प्रकाशन बंद हो गए। राहत की खबर है कि आज भी कंपनियां प्रिंट मीडिया पर भरोसा करती है।
जमशेदपुर : कोविड 19 के कारण देश भर में लॉकडाउन हुआ। जिसके कारण प्रिंट मीडिया पर काफी संकट आया। कई पाठकों ने संक्रमण के डर से अपने घर पर पेपर लेना बंद कर दिया। इससे पेपर बिक्री की संख्या में काफी कमी आई। कई सामाचार पत्रों का प्रकाशन भी बंद हुआ। इसके बावजूद प्रिंट मीडिया पर विज्ञापनदाताओं का विश्वास अब भी बना हुआ है।हवास मीडिया ग्रुप इंडिया ने प्रिंट मीडिया पर पिछले दिनों किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है।
कोविड के कारण अखबार की बिक्री में कमी देखी गई
आपको बता दें कि कोविड 19 के कारण भले ही प्रिंट मीडिया का सर्कुलेशन भले ही कम हुआ है जिसके कारण उत्पादन और वितरण दोनो प्रभावित हुआ। इसके बावजूद कोविड 19 में प्रिंट मीडिया गेम चेंजर साबित हुआ। क्योंकि डिजिटल मीडिया जितनी भी आगे बढ़ चुकी हो लेकिन प्रिंट मीडिया विश्वसनीयता के मामले में अब भी सबसे आगे है। हवास मीडिया ग्रुप लिमिटेड ने मीडिया दैट मैटर्स नाम से नया श्वेत पत्र जारी किया है। जिसमें प्रिंट मीडिया की प्रभावशीलता, महामारी के दौरान पाठकों के व्यवहार में हुए बदलाव पर अध्ययन किया है।
सर्वे में 21 से 40 वर्ष के लोगों से लिए गए विचार
इस सर्वे में 21 से 40 वर्ष के दो लाख सक्रिय पाठकों से उनके विचार लिए। ये सभी महिला व पुरुष पाठक देश के 14 प्रमुख शहरों के थे जो नियमित रूप से दैनिक समाचार पत्र पढ़ते थे। इस अध्ययन में 40 प्रतिशत पाठकों ने बताया कि कोविड 19 के संक्रमण से बचने के लिए उन्होंने अपना अखबार बंद कर दिया। वहीं, 41 से 50 वर्ष के युवाओं ने बताया कि कोविड 19 काल में जब लॉकडाउन हुआ तो उन्होंने दैनिक समाचार लेना जारी रखा और अपना अधिकतर समय अखबार में प्रकाशित खबरों को पढ़ने में व्यतीत किया।
दूसरे माध्यम से अखबार सबसे ज्यादा विश्वसनीय
अध्ययन में यह बात सामने आया कि टेलीविजन और सोशल मीडिया के बाद दैनिक समाचार पत्र विश्वसनीयता के मामलें में तीसरे स्थान पर है। 15 प्रतिशत पाठकों ने बताया कि विश्वास और स्थायित्व के आधार पर वे क्षेत्रीय या स्थानीय भाषा के अखबारों में शिफ्ट हो गए। दक्षिण में लगभग लगभग 60 प्रतिशत पाठक राष्ट्रीय अखबारों में शिफ्ट हुए। वहीं, पश्चिम में 33 प्रतिशत पाठकों ने स्थानीय समाचार पत्र पढ़ने लगे। रिपोर्ट में यह भी पता चला कि सामाचार एप में जबदस्त तेजी आई। अध्ययन में पता चला कि लगभग 57 प्रतिशत पाठकों ने सामाचर पत्र पढ़ना शुरू किया।
इन समाचारों को सबसे ज्यादा पढ़ा गया
प्रिंट मीडिया में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वैश्विक मामले, स्वास्थ्य सहित दूसरे समाचार को सबसे ज्यादा पढ़ा गया। इससे प्रिंट मीडिया का ब्रांड सबसे ज्यादा बढ़ा।
विज्ञापनदाताओं ने जताया प्रिंट मीडिया पर भरोसा
प्रिंट मीडिया पर पाठकों ने सबसे ज्यादा विश्वास किया। ऐसे में विज्ञापनदाताओं ने प्रिंट मीडिया पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया। 55 प्रतिशत विज्ञापनदाताओं ने प्रिंट मीडिया पर ही विज्ञापन देने और दोबारा भी इसी माध्यम पर विज्ञापन देने पर अपनी सहमति दी। विज्ञापनदाताओं में ऑटो सेक्टर सर्वोच्चतम स्थान पर है। इसमें मारूति, हुंडई और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियाें ने सबसे ज्यादा विज्ञापन दिए। हालांकि सर्वे में 10 प्रतिशत ऐसे भी विज्ञापनदाता थे जिन्होंने इस माध्यम में दोबारा विज्ञापन नहीं दिया। इसके अलावा स्मार्टफोन, फाइनासं और शिक्षा के लिए भी अधिक विज्ञापन प्रिंट मीडिया को मिले।