Jharkhand Budget 2021 : सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अशोक भालिटया ने कहा, राज्य सरकार ने छोटी-छोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान दिया
सिंहभूम चैंबर के अध्यक्ष अशोक भालोटिया ने कहा राज्य सरकार का जो बजट आया है वह मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ा है। ध्यान से देखें तो इसमें छोटी-छोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। गो-मुक्ति धाम की योजना महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां इसकी मांग वर्षों से की जा रही थी।
जमशेदपुर ः झारखंड सरकार का जो बजट आया है, वह मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ा है। ध्यान से देखें तो इसमें छोटी-छोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। गो-मुक्ति धाम की योजना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां इसकी मांग वर्षों से की जा रही थी। आदिवासियों-किसानों के लिए कई योजनाएं दी गई हैं, लेकिन रोजगार सृजन के लिए कोई महत्वपूर्ण घोषणा नहीं दिख रही है। यह कहना है सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक भालोटिया का।
उन्होंने कहा कि झारखंड उद्योग के लिहाज से काफी समृद्ध है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए राज्य में कोई वृहद उद्योग की पहल नहीं दिख रही है। जहां तक कोल्हान की बात है तो यहां के उद्योग-धंधे टाटा स्टील व टाटा मोटर्स पर ही निर्भर हैं। यदि यहां आटोमोबाइल सेक्टर में कोई बड़ी कंपनी लग जाए तो क्षेत्र की समृद्धि कई गुणा बढ़ सकती है। ऐसा लगता है कि सरकार ने खजाना खाली होने की वजह से किसी बड़े निवेश की घोषणा नहीं की है, लेकिन सरकार आमंत्रित करे तो निवेश की संभावना बनेगी।
राज्य सरकार को उद्योग विभाग के लिए स्वतंत्र मंत्री देना चाहिए था। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांग युवाओं को स्वरोजगार के लिए अनुदान देने की बात कही गई है, लेकिन स्किल डेवलपमेंट सेंटर को प्रोत्साहित करने की कोई योजना भी इसमें नहीं दिख रही है। इन्हें स्किल्ड वर्कर बनाकर रोजगार दिया जा सकता है। जब यहां स्किल्ड वर्कर पर्याप्त संख्या में उपलब्ध होंगे तो उद्यमियों को भी निवेश का अवसर मिलेगा। पर्यटन के क्षेत्र में समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के तहत हर जिले में बिरसा ग्राम बनाने और रजरप्पा के विकास की बात अच्छी पहल है, लेकिन इसका दायरा बढ़ाया जा सकता था। सरकार योजना बनाए, तो यहां के उद्यमी निवेश करने के लिए आगे आएंगे।