40 साल से चल रहा था सरकारी स्कूल, अब सामने आया जमीन की बंदोबस्ती का विवाद
पोटका प्रखंड के चाकड़ी पंचायत में संचालित प्राथमिक विद्यालय पोड़ाहातु में वर्ग 1 से लेकर 5 तक की पढ़ाई होती है l इस विद्यालय में कुल 29 बच्चे अध्ययनरत हैं l 37 साल बाद अचानक अलास्टी सरदार ने स्कूल के मैदान पर खेती शुरू कर दी l
पोटका, जागरण संवाददाता। पूर्वी सिंहभूम के पोटका प्रखंड अंतर्गत चाकड़ी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय पोड़ाहातू में वर्ग 1 से लेकर 5 तक की पढ़ाई होती है। इस विद्यालय में कुल 29 बच्चे अध्ययनरत हैं। 1983 में इस विद्यालय की स्थापना गांव वालों द्वारा ग्राम सभा कर सर्वसम्मति से गांव के बाहर सरकारी जमीन पर भवन निर्माण कर की गइ थी। मगर 37 साल बाद अचानक अलास्टी सरदार ने स्कूल के मैदान पर खेती शुरू कर दी हैl
उनका कहना है कि जिस भूखंड पर विद्यालय भवन बना है वह उनके नाम बंदोबस्त है, इसलिए अब इस जमीन पर किसी तरह का स्कूल भवन बनने नहीं देंगे। वही स्कूल भवन इतना जर्जर हो चुका है कि किसी भी समय दुर्घटना घटित हो सकती है। गांव वाले कहते हैं कि पूरे गांव में ग्राम सभा हुई थी और सर्वसम्मति से स्कूल के लिए जमीन का चयन हुआ था। उसके बाद भवन बना है । उस समय किसी ने बंदोबस्ती की बात नहीं कही। मगर आज 37 साल बाद इस तरह बंदोबस्ती की बात और अलास्टी सरदार द्वारा की जा रही है जिससे बच्चों की पढ़ाई काफी बाधित हो रही है। वही ग्रामीणों ने इस संबंध में अंचल अधिकारी तथा बीईइओ को लिखित आवेदन देकर बंदोबस्ती को रद्द करने तथा बच्चों के भविष्य को लेकर जांच करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का है ये कहना
हेम सिंह सरदार के अनुसार खाता नंबर 1502 में 12 एकड़ सरकारी जमीन है जो गांव के ही विभिन्न लोगों के नाम पर बंदोबस्त है। गांव के ही अलास्टी सरदार एवं वैलिस्टी सरदार दो भाइयों के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि स्कूल भवन जिस जमीन पर बना है वह जमीन उसकी है l गांव वालों द्वारा उन दोनों भाइयों को काफी समझाया गया कि उक्त जमीन विद्यालय के नाम पर छोड़ दें। विद्यालय में गांव के ही बच्चे पढ़ाई- लिखाई करेंगे। मगर ग्रामीणों द्वारा एक लिखित आवेदन देकर अंचल अधिकारी को विद्यालय भवन निर्माण व बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हेम सिंह सरदार, भोक्ता सरदार, मेथीसन सरदार, नूरी सरदार, रघुनाथ सरदार आदि ने जांच की मांग की है l मनोज सरदार का कहना है कि उक्त जमीन विद्यालय की है l विद्यालय की जमीन कैसे बंदोबस्त हुई मामले की जांच होनी चाहिए और बच्चों की भविष्य को देखते हुए बंदोबस्त को रद्द करते हुए बच्चों की पढ़ाई के लिए जमीन स्कूल के नाम होनी चाहिए l
ये कहते अधिकारी
अंचल अधिकारी इम्तियाज अहमद का कहना है कि मुझे ग्रामीणों द्वारा विद्यालय के जमीन के मामले में लिखित दी गइ है । मामले पर टीम गठित कर जांच करवा रहा हूं कि यह जमीन आखिर किसके नाम पर बंदोबस्त है l विद्यालय पहले बना है या बंदोबस्ती पहले हुई है l इसकी जांच की जा रही है l वही बीईइओ अनीता सिन्हा का कहना है कि विद्यालय भवन काफी जर्जर हो चुका है। नए भवन की आवश्यकता है। मगर इस जमीन की ऑलस्टी सरदार के नाम पर बंदोबस्ती की बात सामने आ रही है। जिसके कारण विद्यालय भवन का निर्माण नहीं हो पाया है l इस संबंध में मैंने अंचल अधिकारी को सूचना दी है l