Jharkhand Assembly Election 2019 : चुनाव लड़े बिना रख लिया पीए, हाथी के दांत बनते देर नहीं लगी Chunavi chakram
Jharkhand Assembly Election 2019. आप कौन हैं तो जवाब मिला पीए। खबरनवीस हैरान रह गया। चुनाव लड़ा भी नहीं और पीए भी रख लिया वाह क्या बात है।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। Jharkhand Assembly Election 2019 किसी-किसी को चुनाव लडऩे का शौक होता है, तो किसी को किसी बहाने अखबार में फोटो छपवाने का। उन्हें राजनीति से उतना ही सरोकार होता है, जितना किसी आम आदमी को, लेकिन छपने की चाहत जरूर होती है। ऐसे ही एक शख्स ने खेल-खेल में चुनाव के लिए नामांकन कर दिया। अखबारों में नाम और फोटो छप गया। चैनलों ने भी दिखा दिया और बाद में नाम वापस ले लिया।
पिछले लोकसभा चुनाव में भी इन्होंने यही किया था। ना हर्रे लगी न फिटकिरी, रंग भी चोखा आ गया। चुनाव के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय से नामांकन के लिए दिए गए रुपये का चेक भी मिल जाएगा, बिना किसी कटौती के। पिछली बार तो ऐसा हुआ कि नामांकन वापसी के बाद एक खबरनवीस ने उन्हें फोन किया, तो किसी महिला ने रिसीव किया। उम्मीदवार का नाम लेकर बात कराने को कहा, तो जवाब मिला वे सो गए हैं। जब खबरनवीस ने पूछा, आप कौन हैं, तो जवाब मिला पीए। खबरनवीस हैरान रह गया। चुनाव लड़ा भी नहीं और पीए भी रख लिया, वाह क्या बात है।
हाथी के दांत बनते देर नहीं लगी
कुछ लोगों को हाथी के दांत बनते देर नहीं लगती। दिखते कुछ और हैं और होते कुछ और। ऐसे ही एक युवा नेता हैं, जिन पर यह कहावत सटीक बैठती है। जनाब कब किसके साथ दिखने लगेंगे, पता नहीं चलता। जिनकी वजह से इन्हें पहचान मिली, बीच में इन्होंने उनका साथ छोड़ दिया। उनसे भी बड़े आका को पकड़ लिया था। आका भी उनके घर पहुंच गए, तो बारात में चार चांद लग गए। शादी-ब्याह की बात बीत गई, तो एक बार फिर पहले वाले आका के साथ हो लिए। इधर जैसे ही पता चला कि आका पड़ोस में चले गए हैं, तो झट से नए मकान मालिक के साथ गले लग गए। उम्मीद है कि यह जीत गए, तो उनकी मंजिल खुद ब खुद साथ आ जाएगी। नया मकान मालिक के पास दूसरा विकल्प खोजने की फुर्सत नहीं है, सो गले लगा लिया है। अब जमकर उनके लिए पसीना बहाते दिखेंगे ये जनाब।