Petrol-diesel Price Hike Effect: पेट्रोल-डीजल व रसाेई गैस ने बिगाड़ा घरेलू अंकगणित, चौतरफा मार

रसोई गैस के दाम बढ़ने से खाने-पीने की चीजें महंगी हुईं। एक तरफ रसोई का बजट बिगड़ गया है तो दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल आने से किराए पर भी असर पड़ा। इन सबका असर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी की जेब पर पड़ा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:22 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:22 PM (IST)
Petrol-diesel Price Hike Effect: पेट्रोल-डीजल व रसाेई गैस ने बिगाड़ा घरेलू अंकगणित, चौतरफा मार
पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने से आम जनजीवन पर असर पड़ता है।

जमशेदपुर, जागरण संवादादाता। जमशेदपुर भी उन शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां पेट्रोल व डीजल के दामों ने शतक लगा लिया है। रसोई गैस एक हजार रुपए छूने के कगार पर है। सब्जियों के दामों में भी बेतहासा वृद्धि हो गई है। बैगन और प्याज 50 रुपए किलो के करीब पहुंच गया है वहीं सेम 100 रुपए के पार चला गया है। पेट्रोल-डीजल और गैस के बढ़ते दाम घर से कारोबार तक पर असर डाल रहे हैं। इस साल की बात करें तो पेट्रोल के दाम जनवरी से अक्तूबर के बीच 21 फीसदी और डीजल के दाम 25 फीसदी तक बढ़े हैं।

इस दौरान रसोई गैस के दाम में भी 27 फीसदी की वृद्धि हुई। रसोई गैस के दाम बढ़ने से खाने-पीने की चीजें महंगी हुईं। एक तरफ रसोई का बजट बिगड़ गया है तो दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल आने से किराए पर भी असर पड़ा। इन सबका असर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी की जेब पर पड़ा है।

शिक्षक प्रतिक्रिया

पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने से आम जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। इससे दैनिक चीजों जैसे खाद्यान्न, साग-सब्जी, आदि जरुरतों का दाम बढ़ रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में वृद्धि होने से समाज के प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में प्रभावित होते हैं। हमारे देश को पेट्रोलियम पदार्थ की उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी ताकि हम आयातक से आत्मनिर्भर बन सके।

- राजेंद्र कुमार कर्ण, अध्यक्ष, झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, जमशेदपुर।

पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी होने से आम जनजीवन पर असर पड़ता है। इससे दैनिक चीजों का दाम बढ़ रहा है। समाज में प्रत्येक वर्ग के लोग प्रभावित हुए हैं। आने वाले समय में फिर से साइकिल का इस्तेमाल या इलेक्ट्रॉनिक मोटरसाइकिल कार इस्तेमाल करना पड़ेगा।

-सीमा कुमारी, सहायक शिक्षिका, मध्य विद्यालय डिमना।

झामुमो पूरे प्रदेश में करेगा आंदोलन : रामदास

झामुमो के पूर्वी सिंहभूम जिलाध्यक्ष सह विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस में बेतहासा वृद्धि से आम जनता त्रस्त है। झामुमो ने इसे लेकर जमीनी स्तर पर आंदोलन की रणनीति तैयार कर रही है। नीतिगत निर्णय होने के बाद इस पर अमल किया जाए। घर का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है। महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। झामुमो की केंद्रीय समिति इस मामले को देख रही है, जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने चार माह में पेट्रोल-डीजल से सिर्फ टैक्स के मद में 13.50 लाख करोड़ रुपये कमाया है। यदि यह पैसा भी इसी मद में लगा दे तो जनता को राहत मिल जाएगी। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि हवाई जहाज में भरा जाने वाला पेट्रोल बाइक वाले पेट्रोल से कम दाम पर मिल रहा है। सीधी सी बात है कि डीजल का दाम बढ़ेगा तो हर चीज महंगी होगी, जनता को राहत दे सरकार।

- बबलू झा, जिला उपाध्यक्ष व मीडिया प्रभारी, कांग्रेस

आम जनता महंगाई से त्रस्त है। इसका पेट्रोल-डीजल की कीमत से सीधा संबंध है। केंद्र सरकार को प्राथमिकता के तौर पर इसके बारे में ठोस कदम उठाना चाहिए, लेकिन बड़ी तेजी से दाम बढ़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि सरकार ने इस पर ध्यान देना ही छोड़ दिया है। महंगाई नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले डीजल का दाम कम करना होगा।

- सुबोध श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष, भारतीय जनतंत्र मोर्चा

केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल का दाम करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। इससे पहले झारखंड सरकार को भी अपना टैक्स कम करना चाहिए। राज्य सरकार पहल करें, तो बहुत हद तक जनता को राहत मिलेगी। बहुत जल्द लोगों को इससे राहत मिलेगी, थोड़ा इंतजार करना होगा। इसके अलावा केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित कर रही है। इथेनॉल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

- गुंजन यादव, जिलाध्यक्ष, भाजपा

प्रधानमंत्री ने कल ही पेट्रोल-डीजल के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसका क्या नतीजा आया, इसका पता नहीं चला है। लेकिन यह निश्चित है कि केंद्र सरकार शांत नहीं बैठी है। इसके दाम कम करने के लिए गंभीरता से प्रयास चल रहे हैं। सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को तेजी से प्रोत्साहित कर रही है। एक-दो वर्ष में ही पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम हो जाएगी।

- विद्युत वरण महतो, सांसद

उद्यमी व व्यवसायी

डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से जनरेटर चलाने वाले छोटे उद्यमियों को खासा नुकसान हो रहा है। कीमतों में बढ़ोतरी से उद्यमियों का मार्जिन पर इसका सीधा असर पड़ा है। केंद्र व राज्य सरकार से मांग है कि पेट्रोल-डीजल पर फिक्स दर तय करें क्योंकि जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है। सरकार का राजस्व तय कीमत पर भी बढ़ता जा रहा है।

-नितेश धूत, संचालक, टाटानगर स्टील प्रोडक्ट

महंगाई बढ़ोतरी का सीधा असर डीजल की कीमतों से होता है। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से हमारा ट्रांसर्पोटेशन और बिजली महंगी हो गई। जबकि प्रोफिट मार्जिन अब भी उतना ही है। कंपनियों पर दबाव है कि वे अपनी कीमतें बढ़ाने के बजाए घटाएं।

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