गोविंदपुर में बजरंगबली के मंदिर को गिराने का मामला पकड़ रहा तूल

छोटा गोविंदपुर स्थित जोजोबेड़ा में एक-दो नवंबर की रात को बजरंग बली का मंदिर गिरा दिया गया था। अधिवक्ता अजय शंकर के मुताबिक यह मंदिर उनकी जमीन पर बना था जिसे भूमाफिया ने जबरन गिरा दिया। पुलिस ने वहां धारा-144 लगा दी है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 09:46 AM (IST)
गोविंदपुर में बजरंगबली के मंदिर को गिराने का मामला पकड़ रहा तूल
बजरंगबली की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।

 जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) : छोटा गोविंदपुर स्थित जोजोबेड़ा में एक-दो नवंबर की रात को बजरंग बली का मंदिर गिरा दिया गया था। अधिवक्ता अजय शंकर के मुताबिक यह मंदिर उनकी जमीन पर बना था, जिसे भूमाफिया ने जबरन गिरा दिया। पुलिस ने वहां धारा-144 लगा दी है, जिससे फिलहाल मंदिर का पुनर्निर्माण संभव नहीं है। इस मुद्​दे पर उनके साथ विश्व हिंदू परिषद समेत कई संगठन शामिल हैं, लेकिन अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

इस मुद्​दे पर यूथ एंड स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नयनजोत कौर सूरी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें तय हुआ कि इस मसले पर मुख्यमंत्री से मिला जाएगा। अधिवक्ता अजय शंकर ने कहा कि अपराधियों को पकड़ने की बजाय धारा-144 और 107 की कार्रवाई की गई है। इससे पहले यह कहा गया कि उक्त स्थल की शुद्धि के लिए प्रयागराज स्थित संन्यासी स्वामी श्रीश्री असितानंद महाराज के आश्रम स्थल से त्रिवेणी का गंगाजल लाया जाएगा। इसके लिए मंगलवार को समिति के सदस्य प्रयागराज रवाना भी हो गए।

ज्ञात हो कि यह स्थान टाटा पावर प्लांट के पास बस्ती में है। अधिवक्ता अजय शंकर का कहना है कि इस घटना में कहीं न कहीं स्थानीय पुलिस की भी संलिप्तता है, वरना जिस वक्त मंदिर गिराया जा रहा था, पुलिस मूकदर्शक क्यों बनी रही। यह अहम सवाल है, जो हर किसी के मन को कौंध रहा है। क्या भूमाफिया इतने शक्तिशाली हैं कि उन्होंने बिना किसी शह के करीब 14 वर्षों से विराजमान मंदिर के ढांचे को ध्वस्त कर दिया।

chat bot
आपका साथी