इस बार बदल सकता है कि इंजीनियरिंग व मेडिकल परीक्षा का पैटर्न

सभी बोर्ड अपने पाठ्यक्रमों में कटौती कर रहे हैं। सिर्फ यही नहीं परीक्षा प्रक्रिया को भी सरल बना रहे हैं ताकि छात्रों को परेशानी न हो। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकती है। इसके संकेत केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दे दी है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:05 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 01:46 PM (IST)
इस बार बदल सकता है कि इंजीनियरिंग व मेडिकल परीक्षा का पैटर्न
इस बार बदल सकता है कि इंजीनियरिंग व मेडिकल परीक्षा का पैटर्न। जागरण

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । सभी बोर्ड अपने पाठ्यक्रमों में कटौती कर रहे हैं। सिर्फ यही नहीं परीक्षा प्रक्रिया को भी सरल बना रहे हैं ताकि छात्रों को परेशानी न हो। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) भी इस दिशा में कदम बढ़ा सकती है। इसके संकेत केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने दे दी है। शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को आयोजित बैठक में ये संकेत दिए थे। इस बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि वर्तमान परिस्थिति के मूल्यांकन के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नए पाठ्यक्रम व पैटर्न के साथ एनटीए आएगी। यानि स्पष्ट है कि जब विभिन्न बोर्ड अपने कोर्स में कटौती कर चुके है परीक्षा पैटर्न तक में बदलाव कर चुके हैं तो ऐसे में एनटीए को इस दिशा में कदम बढ़ाना होगा।

सिर्फ यहीं नहीं अगले वर्ष इंजीनियरिंग व मेडिकल की परीक्षा कैसे हो इस पर छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों से राय भी लिया जाएगा। इसके लिए अभियान शिक्षा मंत्रालय द्वारा चलाया जाएगा। राय जाने के बाद परीक्षा की तिथियों की घोषणा की जाएगी। इसके बाद तिथियों की घोषणा पर भी फिलहाल पूर्णविराम लग गया है। इस बार दसवीं व 12वीं की आफलाइन क्लास हो ही नहीं पाई। इस कारण विशेष परिस्थिति में एनटीए प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों को रियायत दे सकती है। यह रियायत कैसी होगी, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा।

आइआइटी व मेडिकल की कोचिंग कराने वाले कई संस्थान यह अंदेशा पहले ही जारी कर चुके हैं। परीक्षा पैटर्न को लेकर कोचिंग संस्थान वाले भी चिंतित है, वे भी इस बारे में जल्द जानकारी चाहते हैं, ताकि वे आनलाइन कक्षाएं करा सकें। उनका भी मानना है कि चूंकि बोर्ड परीक्षाओं का एक भी आफलाइन क्लास नहीं हुआ तथा निजी स्कूलों के 70 तो सरकारी स्कूलों के मात्र 50 प्रतिशत बच्चे ही आनलाइन क्लास कर पाए थे, ऐसे में केंद्री

य शिक्षा मंत्री का संकेत काफी कुछ कहता है।

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