जमशेदपुर के रेलवे अस्पताल में अब मरीजों को जाने की नहीं होगी जरूरत, वाट्सएप पर डॉक्टर लिखेंगे दवा Jamshedpur News

अस्पताल में सिर्फ ऐसे ही मरीजों को देखा जाएगा जो बहुत ही सीरियस होंगे। यदि कोई भर्ती है तो उसकी जानकारी भी मोबाइल पर ही अटेंडर ले सकते हैं।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 09:58 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 09:58 PM (IST)
जमशेदपुर के रेलवे अस्पताल में अब मरीजों को जाने की नहीं होगी जरूरत, वाट्सएप पर डॉक्टर लिखेंगे दवा Jamshedpur News
जमशेदपुर के रेलवे अस्पताल में अब मरीजों को जाने की नहीं होगी जरूरत, वाट्सएप पर डॉक्टर लिखेंगे दवा Jamshedpur News

जमशेदपुर (जासं) । कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले व रेलवे अस्पताल में एक मरीज की मौत होने के बाद रेलवे ने इसे गंभीरता से लेते हुए अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को सीधे नहीं देखकर उनके वाट्सएप नंबर पर दवा लिख कर भेजेंगे, जिसे दिखाकर मरीज मेडिकल स्टोर से दवा खरीदेंगे। यह नियम शुक्रवार से रेलवे अस्पताल में लागू हो गया है और डाक्टरों के मोबाइल नंबर पर फोन भी आने शुरू हो गए हैं। अस्पताल में सिर्फ ऐसे ही मरीजों को देखा जाएगा, जो बहुत ही सीरियस होंगे। यदि कोई भर्ती है तो उसकी जानकारी भी मोबाइल पर ही अटेंडर ले सकते हैं इसकी सुविधा अस्पताल ने शुरू कर दी है। 

ऐसे होगा इलाज 

रेलवे अस्पताल के सभी डाक्टरों का मोबाइल नंबर व कब कौन से डॉक्टर मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे इसका टाइम टेबल रेलवे अस्पताल ने जारी कर दिया है। उसी अनुसार संबंधित मरीज डॉक्टर को पहले फोन करेंगे। यदि मरीज सीरियस नहीं है तो वाट्सएप पर दवा लिखकर भेजी जाएगी, लेकिन यदि मरीज सीरियस होगा तो उन्हें अस्पताल बुलाया जाएगा।

पांच लेवल में किया गया मोबाइल नंबर जारी

रेलवे अस्पताल ने नौ डाक्टर अनुराग माथुर, डॉ. अलका डाडेल, डॉ. डोमीनिका टोपनो, डॉ. राजू महंता, डॉ. पोल्ली टारजेन, डॉ. ऊषा कुमारी, डॉ. सुमोना कुंडू, डॉ. मुकेश कुमार के अलग अलग रोग की जांच करने के लिए मोबाइल नंबर जारी किया है। ओपीडी, इनडोर, क्वारंटाइन मरीज, मेडिकल बोर्ड के मामले के लिए अलग अलग नंबर जारी किए गए है। अंत में अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. एस के बेहरा ने अपना मोबाइल नंबर जारी किया है ताकि किसी भी मरीज को कोई भी परेशानी हो तो उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

'कोरोना वायरस संक्रमण काल में अस्पताल में बेवजह लगने वाली भीड़ को कम करने के लिए यह नियम शुरु किया गया है। मरीज डॉक्टर के मोबाइल पर संपर्क कर उनसे दवा लिखवा सकते है। ज्यादा सीरियस मरीज होने पर डाक्टर उन्हें खुद ही अस्पताल बुला लेंगे। आठ डाक्टरों की पूरी टीम मरीजों के लिए मोबाइल पर उपलब्ध रहेंगे। - सुशील कुमार बेहरा चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट 

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