पोस्ट कोविड क्लिनिक में थकान-सांस की परेशनी के आ रहे हैं मरीज
टीएमएच झारखंड का छठवां अस्पताल है जहां पोस्ट कोविड क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है।
जासं, जमशेदपुर : टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) ने सात अक्टूबर से पोस्ट कोविड क्लिनिक की शुरुआत की है। अब तक क्लिनिक में 210 मरीज आए और इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक मरीजों को कमजोरी, थकान और ताकत की कमी की शिकायत है। जबकि 10 प्रतिशत मरीजों को सांस लेने की परेशानी की समस्या लेकर आ रहे हैं।
टीएमएच के स्वास्थ्य सलाहकार डा. राजन चौधरी ने शुक्रवार शाम टेली कांफ्रेंसिग द्वारा यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक से दो फीसद मरीजों में शरीर में लाल चत्ते के निशान, उनमें खुजलाहट की भी परेशानी देखी जा रही है। इसके लिए उन्हें जरूरी दवा व लोशन लगाने के लिए दिया जा रहा है। डा. चौधरी के अनुसार पोस्ट कोविड क्लिनिक आने वाले मरीजों की काउंसिलिग के साथ व्यायाम करने, संतुलित भोजन खाने के साथ जरूरी दवा की सलाह दी जा रही हैं। डा. चौधरी ने कि टीएमएच झारखंड का छठां अस्पताल है जहां पोस्ट कोविड क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है।
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शहर में भी घट रहा है कोरोना का संक्रमण
जमशेदपुर में भी कोरोना संक्रमण का प्रकोप लगातार कम हो रहा है। जमशेदपुर में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह 73 के बजाय इस सप्ताह 63 मरीज संक्रमण के कारण भर्ती हुए। जबकि पांच-छह माह पहले एक सप्ताह में 900 मरीज तक भर्ती हुए हैं। उन्होंने बताया कि टीएमएच की रिकवरी रेट भी 83 प्रतिशत से बढ़कर 87.32 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। जबकि पाजिटिविटी रेट में भी कमी आई है। आरटी-पीसीआर घटकर 4.88 प्रतिशत और रैपिड एंटीजन टेस्ट दो प्रतिशत के नीचे आ गया है। पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से नीचे होने पर बेहतर माना जाता है। डा. चौधरी ने बताया कि टीएमएच में इस सप्ताह आठ मरीजों की मौत हुई है। इनमें से अधिक कोरोना संक्रमण के अलावा दूसरी बीमारियों से भी संक्रमित थे। वर्तमान में 99 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और अब तक टीएमएच में 3817 मरीज कोविड पाजिटिव के कारण भर्ती हुए।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसा करता है असर, शोध का विषय
डा. चौधरी ने बताया कि कोरोना पूरी तरह से नया संक्रमण है ऐसे में यह मानव शरीर को कितना प्रभावित करता है। मानव शरीर इस संक्रमण के खिलाफ किस तरह से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है। विकसित रोग प्रतिरोधक क्षमता कितने दिनों तक प्रभावी रहता है, यह शोध का विषय है। टीएमएच भी इस पर शोध कर रहा है। डा. चौधरी ने कहा कि देश ठंड के मौसम में वायरस किस तरह से प्रभावित करता, इसे भी देखा जा रहा है। उन्होंने सभी शहरवासियों से अपील की है कि त्योहारी मौसम और ठंड में अपने परिवार की सहीं देखभाल करें ताकि कोरोना सहित ठंड के समय होने वाले वायरल से बचाव हो सके।