Jharkhand Para Teacher : पारा शिक्षकों ने किया झारखंड सरकार के मंत्रियों का घेराव, ये रखी मांग

Jharkhand Para Teacher. पारा शिक्षकों ने मंत्रियों को याद दिलाया कि प्रत्येक सभा में उनके द्वारा यह कहा भी गया था कि हमारी सरकार बनने के तीन माह के अंदर पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई होगी और वेतनमान मिलेगा। एक वर्ष बीत गए परंतु पारा शिक्षकों की समस्या यथावत है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 04:47 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 07:41 PM (IST)
Jharkhand Para Teacher : पारा शिक्षकों ने किया झारखंड सरकार के मंत्रियों का घेराव, ये रखी मांग
घेराव करने पहुंचे पारा शिक्षकों का मुंह मीठा कराते मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता।

जमशेदपुर, जासं। कोल्हान प्रमंडल के पारा शिक्षकों की जिला समिति के नेतृत्व में कई मंत्रियों का घेराव किया गया। पूर्वी सिंहभूम में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, सरायकेला में मंत्री चंपई सोरेन, चाईबासा में मंत्री जोबा मांझी का घेराव किया गया। यह घेराव एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में किया गया। इस मौके पर सभी मंत्रियों को पारा शिक्षकों के स्थाईकरण एवं वेतनमान की नियमावली लागू करने की मांग की गई।

ज्ञापन में मंत्रियों को याद दिलाया गया है कि प्रत्येक सभा में उनके द्वारा यह कहा भी गया था कि हमारी सरकार बनने के तीन माह के अंदर पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई होगी और वेतनमान मिलेगा। एक वर्ष बीत गए परंतु पारा शिक्षकों की समस्या यथावत है। नित प्रतिदिन पारा शिक्षकों की मौत हो रही है एवं प्रतिदिन कोई न कोई पारा शिक्षक बिना किसी लाभ के सेवानिवृत्त हो रहे हैं। मंत्रियों ने इस मौके पर सकारात्मक आश्वासन दिया। स्वास्‍थ्‍य मंत्री बन्ना गुप्ता ने घेराव करने आए पारा शिक्षकों का मुंह भी मीठा करवाया।

ये हैं पारा शिक्षकों की मांग

-राज्य के सभी 65000 पारा शिक्षकों की सेवा स्थाई करते हुए वेतनमान दी जाए।

-अप्रिशिक्षित एवं एनसी अंकित पारा शिक्षकों का कार्यरत रहने के बावजूद गत 19 माह से रोके गए मानदेय का भुगतान किया जाए एवं प्रशिक्षण पूर्ण करने का अवसर प्रदान किया जाए।

-पलामू जिले के छतरपुर एवं नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों के कार्यरत रहने के बावजूद वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं अक्टूबर 2020 से रोके गए मानदेय का भुगतान किया जाए।

-पूर्वी सिंहभूम जिले के 69 पारा शिक्षकों का माह जुलाई, अगस्त, सितंबर-2019 सहित विभिन्न जिलों के हजारों पारा शिक्षकों के विगत वित्तीय वर्ष शून्य बायोमीट्रिक उपस्थिति एवं विभिन्न कारणों से रोके गए मानदेय का अविलंब भुगतान की जाए।

-टेट विसंगति का वर्णित मानेदय का भुगतान किया जाए।

-विगत आंदोलन के समय पूर्व की सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न थानों में पारा शिक्षकों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए। 

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