जयश्री राम के नारे तो लग रहे, लेकिन समस्या पर आवाज नहीं उठ रही : मेहता
स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट की ओर से राजनीति सेवा या सौदा विषय पर बोले पं. विजय शंकर मेहता उज्जैन।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट की ओर से बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन आडिटोरियम में रविवार को गोष्ठी हुई, जिसमें हनुमान भक्त कथावाचक व जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजय शंकर मेहता 'उज्जैन' ने 'राजनीति सेवा या सौदा' विषय पर बोले। उन्होंने आज के परिप्रेक्ष्य में राजनीति से जुड़े चार तत्व भ्रष्टाचार, अपराध, धर्म और नैतिकता पर व्याख्यान दिया।
इसमें स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के सदस्यों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता व उद्योगपति शामिल हुए। इसमें विधायक सरयू राय भी उपस्थित थे। पंडित मेहता ने अपने व्याख्यान में रामायण व महाभारत के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए राजनीति की परिभाषा समझाई। उन्होंने बताया कि विभीषण जब तक रावण के राज में था, भ्रष्ट बना रहा। जब तक वह सिर्फ राम नाम जपता रहा, लेकिन जैसे ही हनुमान जी का मंत्र मिला कि सिर्फ राम नाम जपने से नहीं, राम का काम भी करना होगा, तब वह लंका नरेश बन सका। उसने रावण के अन्याय और अनीति के खिलाफ आवाज उठाई और रावण द्वारा लतियाने के बाद राम की शरण मे पहुंचकर राम का काम किया। पंडितजी ने कहा मैं तत्व बता रहा, मायने आप अपनी बुद्धि से निकालें। उल्लेखनीय है कि आज चारों ओर जय श्री राम के नारे लग तो रहे हैं, लेकिन लोगों की समस्याओं के समाधान और भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी पर आवाज नहीं उठ रही। राम का काम अंतिम व्यक्ति का दुख-दर्द कम करना है। पंडित मेहता ने कहा कि आजकल भीड़ का समय है, समूह का नहीं। उम्मीदों का कत्ल हो रहा है। आज जोड़-तोड़ जुगाड़, बनाओ-निबटाओ पर देश चल रहा है। दो कौड़ी के लोग लाखों में बिकने लगे हैं।
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गलत करने से पहले सोच लो, दुनिया बनाने वाला सब देख रहा
उन्होंने कहा कि जब भी कोई गलत काम करो, याद रखो दुनिया बनाने वाला सब देख रहा है। गलत करने वाले नेताओं का हल इसी दुनिया मे दिखाई देने लगता है। अतएव युधिष्ठिर ऐसा चुनो जिसके साथ उनके कुत्ते की तरह भी स्वर्ग का अधिकारी बन सको। आज देश उस तीरंदाज की तरह चलाया जा रहा, जहां तीरंदाज पहले तीर मारता है फिर उसके चारों ओर गोला बना कर दंभ भरता है कि कितना सटीक निशानेबाज है। इसी तरह आज अपराध की सुरंग से सत्ता का मार्ग दिखाई देता है। अपराध मिटाना होगा, नही तो राजनीति सौदा बन जाएगी। चारित्रिक अपराध बढ़ने का एक बड़ा कारण उन्होंने इंटरनेट पर अपलोडेड 20 करोड़ अश्लील वीडियो का होना बताया।
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सरयू से सीखने आया हूं
कार्यक्रम में स्वागत भाषण विधायक सरयू राय ने दिया और राजनीति से आंशिक अथवा पूर्ण रूप से जुड़े लोगों को इस व्याख्यान से लाभ उठाने की कामना की। पंडित जी ने सरयू राय को इंगित करते हुए कहा कि आपकी अच्छाइयों से सीखने आया हूं, जो कहीं अड़ियल भी हैं, अन्याय- भ्रष्टाचार का विरोध करने का साहस रखते हैं। आज जबकि उम्मीदों का कत्ल हो रहा है आप अच्छाई की उम्मीद जिदा रख रहे हैं।