पंचायत चुनाव की डुगडुगी नहीं बजी, लेकिन राजनीतिक दल हुए सक्रिय
पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजने में भले ही देर हो रही हो। लेकिन राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ने लगी है..
संवाद सहयोगी, घाटशिला : पंचायत चुनाव की डुगडुगी बजने में भले ही देर हो रही हो। लेकिन राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ने लगी है। विशेषकर घाटशिला शहरी क्षेत्र में जिला परिषद पद अनारक्षित सीट होने के कारण झामुमो, कांग्रेस व भाजपा के नेता अभी से ही फील्डिंग सजाने लगे हैं।
न केवल संभावित उम्मीदवार, बल्कि पार्टी के वरीय नेता भी पंचायत चुनाव को लेकर गंभीर दिखने लगे हैं। सभी दल के वरीय नेताओं ने संभावित पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। तैयारी में सबसे आगे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व कार्यकर्ता दिखाई दे रहे हैं। विधायक रामदास सोरेन लगभग सभी बैठकों में कार्यकर्ताओं से पंचायत चुनाव के लिए कमर कसने की बात करते आ रहे हैं और राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यो की उपलब्धि बताकर अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। भले ही यह पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं हो रहा है। लेकिन संभावित उम्मीदवार अपने संगठन के आधार पर स्थिति को मजबूत करने के लिए जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से जिला परिषद घाटशिला के पद को लेकर काफी गहमागहमी बनी हुई है घाटशिला शहरी क्षेत्र से जिला परिषद के पद पर चुनाव लड़ने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा में ही एक से अधिक उम्मीदवार अभी से जोर आजमाइश करने लगे हैं। विधायक रामदास सोरेन भी शहरी क्षेत्र के इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए योग्य और कर्मठ उम्मीदवारों पर नजर गड़ाए हुए हैं। माना जा रहा है कि जिस प्रत्याशी पर विधायक रामदास सोरेन का वरदहस्त होगा, वही सबसे मजबूत स्थिति में रहेगा। इधर, भाजपा की आंतरिक कलह देखकर उम्मीदवार का चयन सर्वसम्मति से हो, ऐसा लग नहीं रहा है। वहीं, कांग्रेस व आजसू में संगठन काफी कमजोर हो चुका है। इसके बावजूद दोनों दल के भी कुछ लोग पंचायत चुनाव में घाटशिला के जिला परिषद सीट पर अपने भाग्य आजमाने के लिए बेताब दिख रहे हैं।