Oxygen Plant in Jhrkhand: जमशेदपुर के पास ही बंद पड़ा है आक्सीजन प्लांट, संकटकाल में बनेगा सहार

पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित आक्सीजन प्लांट हिंदुस्तान काॅपर लिमिटेड के लिए स्थापित किया गया था। विभिन्न कारणों से भारत सरकार का उपक्रम बंद है लिहाजा यह आक्सीजन प्लांट भी बंद पड़ा है। अब इसे चालू करने की कवायद शुरू हो गइ है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:28 AM (IST)
Oxygen Plant in Jhrkhand: जमशेदपुर के पास ही बंद पड़ा है आक्सीजन प्लांट, संकटकाल में बनेगा सहार
पूर्वी सिंहभूम के मऊभंडार स्थित भगवती आक्सीजन प्लांट। जागरण

जमशेदपुर, जासं। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मारामारी आक्सीजन को लेकर ही है। इस बार कई मरीजों की मौत अस्पताल में रहते हुए हो गई, क्योंकि उन्हें आक्सीजन नहीं मिला। सौभाग्य से झारखंड आक्सीजन के मामले में काफी समृद्ध है। जमशेदपुर और बोकारो से उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों को सैकड़ों टन आक्सीजन भेजा जा चुका है।

बहरहाल, हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर से सटे मऊभंडार के आक्सीजन प्लांट की, जो दो साल से बंद है। पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर यह प्लांट हिंदुस्तान काॅपर लिमिटेड के लिए स्थापित किया गया था। विभिन्न कारणों से भारत सरकार का उपक्रम बंद है, लिहाजा यह आक्सीजन प्लांट भी बंद पड़ा है। अब इसे चालू करने की कवायद शुरू हो गइ है। इस प्लांट से जल्द उत्पादन शुरू हो जाएगा

प्रतिदिन 150 टन उत्पादन क्षमता

भगवती आक्सीजन प्लांट के अधिकारी हिमांशु शर्मा बताते हैं कि इस प्लांट की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 150 टन की है। इसकी गुणवत्ता भी 93 प्रतिशत है। यह कंपनी सिर्फ हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को ही आक्सीजन देती थी, लेकिन हिंदुस्तान कॉपर के बंद होने के बाद यह आक्सीजन प्लांट भी बंद हो गया है। इस प्लांट की उत्पादन क्षमता प्रति घंटा 200 सिलेंडर भरने की है। इस हिसाब से हर दिन 30 किलो वाले करीब 5000 सिलेंडर भरे जा सकते हैं। कोविड काल में अगर इस प्लांट को उत्पादन की इजाजत मिले तो हम सिर्फ आधे घंटे में उत्पादन शुरू कर सकते है।

जिला प्रशासन ने शुरू किया प्रयास

इस आक्सीजन प्लांट को फिर से शुरू करने के लिए पहल हो रही है। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) प्रबंधन के साथ पत्राचार भी किया गया है। इस इलाके के प्रशासनिक अधिकारी लगे हुए हैं। यदि यह प्लांट शुरू हो गया तो घाटशिला, मुसाबनी, मऊभंडार, डुमरिया, चाकुलिया और बहरागोड़ा के करीब पांच लाख की आबादी को फायदा होगा। घाटशिला के अंचल अधिकारी राजीव कुमार बताते हैं कि इस प्लांट की उत्पादन क्षमता काफी अच्छी है। अगर कोविड कल में यह आक्सीजन प्लांट शुरू हो जाए तो काफी लाभ होगा। इस इलाके के लोगों को आक्सीजन काफी मात्रा में मिल पाएगा। हमलोग प्रयासरत हैं कि जल्द उत्पादन शुरू हो जाए।

सिलेंडर-टैंकर की समस्या

इस आक्सीजन प्लांट की समस्या है कि इसके पास अभी सिलेंडर या टैंकर नहीं है। चूंकि प्लांट से एचसीएल को पाइपलाइन के माध्यम से आक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी, लिहाजा सिलेंडर या टैंकर रखने की जरूरत ही नहीं पड़ी। इसके बावजूद यदि सरकार ने इसे चालू करने की अनुमति दे दी, तो भगवती आक्सीजन प्लांट के प्रबंधक सिलेंडर व टैंकर खरीद सकते हैं। इससे इन्हें भी आय होगी। बहरहाल, देखने वाली बात होगी कि जिला प्रशासन इसे कितनी जल्दी शुरू करा पाता है।

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