Tata Bluescope कंपनी के यूनियन नेताओं को गिफ्ट कूपन का विरोध करना पड़ा महंगा, बजाएंगे शिफ्ट ड्यूटी

Tata Bluescope Gift coupons Disput. एक दिन पूर्व टाटा ब्‍लू स्‍कोप यूनियन नेताओं ने गिफ्ट लेने से इंकार किया था वहीं दूसरे दिन गुरुवार को यूनियन के महासचिव व एक सह सचिव को जनरल के बजाय शिफ्ट में ड्यूटी करने का फरमान हुआ है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 09:26 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 08:30 AM (IST)
Tata Bluescope  कंपनी के यूनियन नेताओं को गिफ्ट कूपन का विरोध करना पड़ा महंगा, बजाएंगे शिफ्ट ड्यूटी
गिफ्ट कूपन को लेकर प्रबंधन-यूनियन आमने-सामने है।

जमशेदपुर, जासं।  टाटा ब्लूस्कोप में गिफ्ट कूपन को लेकर प्रबंधन-यूनियन आमने-सामने है। कंपनी प्रबंधन के गिफ्ट के तौर पर घड़ी नहीं लेने का मामला तूल पकड़ लिया है।

एक दिन पूर्व यूनियन नेताओं ने गिफ्ट लेने से इंकार किया था, वहीं दूसरे दिन गुरुवार को यूनियन के महासचिव व एक सह सचिव को जनरल के बजाय शिफ्ट में ड्यूटी करने का फरमान हुआ है। हालांकि, यूनियन के महामंत्री संजय सिंह ने संगठन का काम बताकर गुरुवार को पूर्व की तरह जनरल शिफ्ट में ही ड्यूटी की है। वहीं सहायक सचिव हुसेन कादरी को अपने विभागीय प्रमुख के आदेश से पाली में ड्यूटी करना पड़ा है। यहां यूनियन के पदाधिकारियों को जनरल पाली में ही ड्यूटी करने की परंपरा है। 

क्या है मामला

पिछले साल दिसंबर माह में कर्मचारियों ने प्रबंधन की ओर से दी जा रही घड़ी को लेने से इंकार कर दिया था। दो दिन तक कर्मचारियों के घड़ी लेने से इंकार करने पर कंपनी प्रबंधन ने अधिकारियों को भी घड़ी नहीं बांटा। कर्मचारियों के विरोध के बाद अब प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को फॉर्म देकर हस्ताक्षर करने को कहा जा रहा है कि वे घड़ी नहीं लेना चाहते हैं। जिसके बाद कर्मचारियों को कूपन राशि मिलेगी। कर्मचारियों का कहना है कि बोनस के दौरान प्रबंधन और यूनियन के बीच बोनस राशि के अलावा 1900 रुपये गिफ्ट देने पर समझौता हुआ था जबकि कंपनी में उत्पादन बेहतर होने पर मार्च में प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को एक घड़ी देने का निर्णय लिया था।

कोरोना के कारण नहीं हो सका था घड़ी का वितरण

कंपनी के स्टोर में घड़ी उस दौरान आ भी गई थी लेकिन कोविड- 19 का मामला आने पर प्रबंधन लॉकडाउन लगने से घड़ी नहीं बांट सका। अब प्रबंधन कर्मचारियों से घड़ी नहीं लेने की बात कह हस्ताक्षर करा कूपन लेने की बात कह रहा है जबकि घड़ी कंपनी के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बेहतर प्रोडक्शन के लिए मार्च में ही मंगाई गई थी। बोनस समझौता दुर्गापूजा के दौरान हुआ था।

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