दुर्गापूजा में कोल्हान के एक हजार स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिला वेतन, 48 घंटे का अल्टीमेटम

कोल्हान में दो हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मी आउटसोर्स पर तैनात हैं। इसमें 50 प्रतिशत को वेतन नहीं मिला है। अगर इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला तो वे लोग हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे और चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:07 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:07 PM (IST)
दुर्गापूजा में कोल्हान के एक हजार स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिला वेतन, 48 घंटे का अल्टीमेटम
कोल्हान के लगभग एक हजार आउटसोर्स कर्मियों को वेतन नहीं मिला है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । दुर्गापूजा में कोल्हान के लगभग एक हजार आउटसोर्स कर्मियों को वेतन नहीं मिला है। इससे उनका पूजा फीका पड़ सकता है। वहीं, वेतन नहीं मिलने से उनमें आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों ने इसकी शिकायत झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ से भी की है। इसे देखते हुए संघ के प्रदेश महामंत्री अमरनाथ सिंह ने कोल्हान के सभी आउटसोर्स एजेंसी प्रबंधन से बात कर दुर्गापूजा से पूर्व वेतन देने की मांग की है।

अगर दुर्गापूजा से पूर्व कर्मियों को वेतन नहीं मिला तो वे सभी हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी एजेंसी पर होगी। प्रदेश महामंत्री अमरनाथ सिंह ने कहा कि कोल्हान में लगभग दो हजार से अधिक आउटसोर्स पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात है लेकिन इसमें 50 फीसद को वेतन नहीं मिला है। यानी लगभग एक हजार कर्मियों को वेतन नहीं मिला है, जो चिंता का विषय है। इन कर्मियों को वेतन नहीं मिलने से वे दुर्गापूजा कैसे मनाएंगे, यह सोचने वाली बात है। अमनाथ सिंह ने कहा कि एमजीएम अस्पताल में शिवा इंटरप्राइजेज, एमजीएम मेडिकल कॉलेज में अभिनव इंटरप्राइजेज, जमशेदपुर सदर अस्पताल में स्नेहा इंटरप्राइजेज, सरायकेला में स्नेहा इंटरप्राइजेज व चाईबासा में अभिनव इंटरप्राइजेज कार्यरत है।

ठप हो सकती है व्यवस्था

कोल्हान में दो हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मी आउटसोर्स पर तैनात हैं। इसमें 50 प्रतिशत को वेतन नहीं मिला है। अगर इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला तो वे लोग हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे और चिकित्सा व्यवस्था चरमरा जाएगी। एेसे में इन कर्मचारियों को वेतन करना अनिवार्य है। हाल ही में एमजीएम अस्पताल के कर्मचारियों को बीते तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर वे लोग हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन उसके बावजूद भी पूरा वेतन उपलब्ध नहीं कराया गया है।

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