झारखंड की सड़क पर भी ओडिशा का कब्जा, जानें-क्या है मामला

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के छह गांवों पर कब्जे के बाद ओडिशा ने सीमाई सड़क पर भी कब्जा कर लिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 12:57 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 01:52 PM (IST)
झारखंड की सड़क पर भी ओडिशा का कब्जा, जानें-क्या है मामला
झारखंड की सड़क पर भी ओडिशा का कब्जा, जानें-क्या है मामला

जमशेदपुर, मुजतबा हैदर रिजवी। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के छह गांवों पर कब्जे के बाद ओडिशा ने सीमाई सड़क पर भी कब्जा कर लिया है। झारखंड के भूभाग पर कब्जा जमाने के उद्देश्य से ओडिशा के मयूरभंज जिला प्रशासन ने पूर्वी सिंहभूम जिले की सीमा में घुस कर पहले से बनी सड़क पर ही तकरीबन एक किलोमीटर तक फिर से सड़क बना दी। यह कोइमा-रातुला सड़क वर्षो से पूर्वी सिंहभूम जिले में ही थी। लेकिन, अब इस पर ओडिशा ने कब्जा जमा लिया है। इस सड़क पर कब्जा किए जाने के बाद कोइमा समेत आसपास के गांवों में लोगों का आक्रोश भड़कने लगा है।

झारखंड में कई बार हुआ इस सड़क का पुनर्निर्माण
ग्रामीण बताते हैं कि सबसे पहले पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश षाडंगी ने कोइरा नाला पर पुल का निर्माण करवाया था। इसके बाद तत्कालीन सांसद नीतीश भारद्वाज ने 1997 में अपनी निधि से इस पुल से ओडिशा सीमा तक एक किमी लंबी सड़क बनवा दी ताकि बेलाजुड़ी पंचायत के ग्रामीणों को ओडिशा जाने में आसानी हो। यह सड़क ओडिशा के झारपुखुरिया और सारसकोना से झारखंड सीमा तक आने वाली सड़क से जुड़ती है। 2008 में इस सड़क को बहरागोड़ा प्रखंड ने बनवाया था। 2014 में सड़क का निर्माण बेलाजुड़ी पंचायत ने करवाया था। 

झारपुखरिया की पुलिस रोज करती गश्त

यह सड़क शुरू से ही झारखंड की सीमा में रही लेकिन अब इस कोइमा-रातुला पुरानी सड़क पर ही ओडिशा के मयूरभंज जिले के लोक निर्माण विभाग ने फिर से सड़क बना इस पर कब्जा कर लिया। ग्रामीणों की मानें तो अब ओडिशा की झारपुखरिया पुलिस हररोज इस पुल तक आकर गश्त करती है और कोइमा पुल तक अपनी जमीन बताती है। जबकि झारखंड के गुड़ाबांदा अंचल की बेलाजुड़ी पंचायत के कोइमा, भूर्षन, पाथरपेड़ा, ऊपर पाथरपेड़ा, नीचे पाथरपेड़ा आदि गांवों के लिए यह सड़क बेहद महत्वपूर्ण है। यहां के ग्रामीण हाट-बाजार करने ओडिशा के सारसकोना और झारपोखरिया जाते हैं। इलाज कराने के लिए ये लोग कोइमा से 35 किमी दूर ओडिशा के बारीपदा इसी सड़क से जाते हैं।

तत्कालीन बीडीओ ने भेजी थी प्रशासन को रिपोर्ट
कोइमा के बेनु घोष बताते हैं कि जब ओडिशा ये सड़क बना रहा था तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत गुड़ाबांदा बीडीओ से की थी। तब अशोक कुमार बीडीओ थे। वह गांव आए थे और सड़क की फोटो खींच कर इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन के जरिए सरकार को भेज दी थी। तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले को पांच गांवों के साथ ही ओडिशा के अधिकारियों के सामने उठाने की बात कही थी।

सड़क ओडिशा सीमा में होने का दावा
कोइमा-रातुला सड़क ओडिशा की है। यह सड़क पूरी तरह ओडिशा की सीमा में है। इसलिए इस सड़क पर हमने निर्माण कार्य किया है।
-विजय सेठी, सहायक अभियंता, मयूरभंज, ओडिशा।

कराई जा रही जांच
ओडिशा द्वारा हमारी सीमा में सड़क बनाने का मामला हमारे संज्ञान में आया है। हम इसकी जांच करा रहे हैं। डीसी अमित कुमार के सामने रिपोर्ट पेश की जाएगी।
-विश्वनाथ महेश्वरी, उप विकास आयुक्त पूर्वी सिंहभूम।

झारखंड ने तलब की रिपोर्ट, जांच करने पहुंचे अधिकारी
 झारखंड के बहरागोड़ा के महुलडांगरी गांव पर 10 दिन पहले ओडिशा के कब्जा कर लेने के मामले में सरकार हरकत में आ गई है। मंगलवार को दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर छपने के बाद झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। इस बाबत गृह विभाग निर्देश के बाद मंगलवार को एसडीओ अमर कुमार ने एसडीपीओ रणवीर सिंह, बहरागोड़ा सीओ हीरा कुमार, मुसाबनी के डीएसपी महेश खिरवाल, गुड़ाबांदा के थाना प्रभारी ज्योति रजवार व पुलिस बल के साथ ओडिशा सीमा (महुलडांगरी गांव) का जायजा लिया। सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों से पूछताछ की और उनका दर्द सुना। 

ग्रामीणों को तत्काल सूचना देने की हिदायत
ग्रामीणों को हिदायत दी कि अगर अब ओडिशा पुलिस की तरफ से कोई दिक्कत हो तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। सीआइ ने ग्रामीणों से मिली जानकारी के आधार पर महुलडांगरी इलाके का नजरी नक्शा भी तैयार किया। पूरी रिपोर्ट शीघ्र झारखंड सरकार को भेजी जाएगी।

 

स्थल सर्वे कर तैयार की रिपोर्ट
अब ओडिशा के मयूरभंज के लोक निर्माण विभाग ने झारखंड की इसी सड़क पर बनवा दी नई सड़क यह भूमि विवाद का अंतरराज्यीय मामला है। हमने स्थल सर्वे किया है। प्राथमिक रिपोर्ट तैयार हुई है। हमने यहां की विधि-व्यवस्था का जायजा लिया है।
-महेश खिरवाल, डीएसपी मुसाबनी

नहीं मिली फाइल
मैंने अपने दफ्तर में फाइल खोजवाई लेकिन नहीं मिली। पता चला है कि गांवों पर कब्जा करने के मामले की फाइल जिला बंदोबस्त कार्यालय में है।
-सौरभ कुमार सिन्हा, अपर उपायुक्त

यह भी : झारखंड के एक और गांव पर ओडिशा का कब्जा, पहले से कब्जे में थे पांच गांव

chat bot
आपका साथी