अब आपके salary system में होने जा रहा यह बड़ा बदलाव, Google ने कर दी शुरुआत

कोरोना ने न सिर्फ लोगों का जीने का अंदाज बदल दिया है बल्कि वर्क कल्चर पर भी सीधा प्रभाव डाला है। वर्क फ्रॉम होम अब आम बात हो गई है। अब गूगल जैसी वैश्विक कंपनियां कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करने जा रही है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:10 AM (IST)
अब आपके salary system में होने जा रहा यह बड़ा बदलाव, Google ने कर दी शुरुआत
अब आपके salary system में होने जा रहा यह बड़ा बदलाव, Google ने कर दी शुरुआत

जमशेदपुर : कोरोना ने सबकुछ बदल दिया। कोरोना की वजह से देश के तमाम कंपनियां वर्क फ्रॉम होम की शुरुआत की लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव होने जा रहा है। google ने इसकी शुरुआत कर दी। जी हां, दुनिया की टेक्नोलॉजी कंपनी google हाईब्रिड वर्क मॉडल पेश की है, जिसे दूसरी कंपनियां भी अपना सकती है। इस नए मॉडल के तहत अब गूगल के अधिकांश कर्मचारी सप्ताह में तीन दिन ही ऑफिस में काम करेंगे। वहीं, सप्ताह में दो दिन कर्मचारी अपने पसंदीदा जगह से काम कर सकेंगे। उक्त जानकारी गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई (sundar pichai) ने दी है। इस नए मॉडल से कर्मचारियों की उत्सुकता बढ़ गई है। गूगल ने अपने कर्मचारियों के लिए यह नया मॉडल तैयार किया है, जिसे हाइब्रिड वर्क मॉडल (Hybrid work model) कहा जा रहा है। अगर यह मॉडल सफल रहा तो दूसरी कंपनियां भी इसे अपना सकती है। ऐसे में अब देखना होगा कि कर्मचारी इसे कितना पसंद करते हैं। हाल ही में टाटा समूह के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने भी कहा था कि आने वाला कल सैटेलाइट ऑफिस का होगा, जहां से लोग बैठकर काम करेंगे।

गूगल का दुनियाभर में 14 लाख कर्मचारी

गूगल का दुनियाभर में 14 लाख कर्मचारी हैं। ऐसे में यह नया मॉडल 14 लाख कर्मचारियों पर लागू होने जा रहा है। इस नए मॉडल में कई बदलाव किए गए हैं। इसमें 60 फीसद कर्मचारियों को कार्यालयों में सप्ताह में कुछ दिन ही काम करना होगा। वहीं, 20 फीसद कर्मचारी अलग-अलग ऑफिस लोकेशन से काम करेंगे। बाकी के 20 फीसद कर्मचारी घर से ही काम करेंगे।

शहर के हिसाब से तय होगा वेतन

नए मॉडल में शहर के हिसाब से कर्मचारियों का वेतन तय होगा। अगर कोई कर्मचारी किसी सस्ते से महंगे शहर में चले जाते हैं तो उसकी वेतन में बदलाव किया जाएगा। नए मॉडल के मुताबिक किसी भी कर्मचारी की वेतन उसके जॉब लोकेशन, कर्मचारी के रहने के स्थान की लागत और लोकैलिटी के आधार पर दी जाएगी। यानी एरिया और महंगाई के हिसाब से आपकी वेतन तय की जाएगी। कोरोना काल से पूर्व गूगल ने अपने कर्मचारियों की देखभाल और सुविधाओं पर काफी खर्च करता था लेकिन वर्क फ्रॉम होम के दौरान ये भत्ते नहीं दिए गए, जिससे गूगल को काफी बचत हुई है।

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