लिथियम बैटरी की तुलना में इस युवा ने तैयार की ये बैटरी, लाइफ और क्षमता जबदस्त, जाने इसकी खासियत

आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है। ऐसे में कंपनियां नई तकनीक खोजने में जुटी हुई है। फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों में लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग होता है। लॉग-9 के संस्थापक डॉ. अक्षय ने ऐसी ही एक सुपर कैपिसिटर का निर्माण किया है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:28 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:28 AM (IST)
लिथियम बैटरी की तुलना में इस युवा ने तैयार की ये बैटरी, लाइफ और क्षमता जबदस्त, जाने इसकी खासियत
लिथियम बैटरी की तुलना में इस युवा ने तैयार की ये बैटरी

जमशेदपुर : इलेक्ट्रिक कार ही भविष्य है। कई कार निर्माता कंपनी इस बदलाव को स्वीकार कर चुके है। टाटा मोटर्स, मर्सिडीज बेंच, ऑडी और हुंडई जैसी कंपनियों ने तो इलेक्ट्रिक वाहनों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करते हुए इसका नया बाजार भी खड़ा कर दिया है।

इसके अलावा थ्री व्हीलर और मोटर साइकिल सेगमेंट भी इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में आ चुके हैं। लेकिन वाहन निर्माता कंपनियों के अलावा इसके खरीदारों के सामने एक ही समस्या रहती है। वो है इलेक्ट्रिक वाहनों को आसानी से चार्ज करना और बैटरी की क्षमता को बेहतर बनाना। क्योंकि अंंतराज्यीय यात्रा के समय बैटरी का खत्म होने का डर सामान्य है। हालांकि जमशेदपुर सहित देश के विभिन्न शहरों में टाटा पावर सुपर चार्जिंग स्टेशन का निर्माण कर रही है। फिर भी कंपनियां नए जेनरेशन की बैटरी की तलाश कर रही है, जिसे काफी हद तक डा. अक्षय सिंघल ने खोज निकाला है।

अक्षय ने तैयार किया है सुपर कैपेसिटर

डा. अक्षय सिंघल ने वर्ष 2015 में लॉग 9 नाम से एक कंपनी बनाई है जिसने नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से ग्राफीन का उपयोग कर सुपर कैपेसिटर बनाई है। भौतिकी विज्ञान का इस्तेमाल कर अक्षय ने स्थायी और स्केलेबल व्यवसाय का निर्माण करते हुए जलवायु परिवर्तन की समस्या का भी काफी हद से समाधान करता है। रैपिड चार्ज होने वाली सुपर कैपेसिटर बैटरी पैक 2 और 3 व्हीलर के इलेक्ट्रिक व्हीकल की कई समस्याओं का समाधान करते हैं।

कैसे काम करता है सुपर कैपेसिटर

डा.सिंघल के अनुसार सुपर कैपेसिटर एक चार्ज स्टोरेज डिवाइस है जो बहुत अधिक कैपेसिटेंस होता है। मतलब यह डिवाइस अपेक्षाकृत कम समय में हाई वोल्टेज की मदद से जल्द रिचार्ज होगा। साथ ही यह वाहन को काफी मात्रा में इलेक्ट्रिक भी सप्लाई करता है। दूसरी ओर ब्रेक लगाते समय यह ऊर्जा को बर्बाद होने से बचाता भी है। साथ ही बर्बाद होने वाली ऊर्जा को संग्रहित कर उसे पुन: इस्तेमाल में लाता है। डा. सिंघल के अनुसार लिथियम आयन बैटरी भी ऊर्जा को पुन: इस्तेमाल कर सकती है लेकिन सुपर कैपेसिटर जितनी कुशलता से नहीं। क्योंकि अधिकांश रसायन शास्त्र उच्च सी-दरों पर वर्तमान अवशोषण की अनुमति नहीं देते हैं, साथ ही बैटरी को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

कौन है डॉ. अक्षय सिंघल

लॉग 9 के संस्थापक डा. अक्षय को वर्ष 2019 में फोर्स अंडर 30 एशिया पुरस्कार के विजेता है। इस युवा उद्यमी को बचपन से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि रही है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में पढ़ाई के दौरान डा. अक्षय ने नैनो टेक्नोलॉजी में शोध करना शुरू किया।

वर्तमान में उनकी कंपनी देशी रूप से विकसित रैपिड चार्जिंग बैटरी पैक का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर रही है। डा. अक्षय का दावा है कि लिथयम आयन बैटरी की तुलना में सुपर कैपेसिटर की लाइफ 10 से 1000 गुणा अधिक है। साथ ही उनकी बैटरी कहीं अधिक सुरक्षित और तापमान प्रतिरोधी है।

ये तीन तरह की बैटरी का निर्माण कर रही है लॉग 9

डा. अक्षय की बैंगलुरु स्थित कंपनी लॉग 9 वर्तमान में तीन तरह की बैटरी बना रही है।

रेपिड एक्स 2000 : अपनी श्रेणी में दो पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सबसे सुरक्षित बैटरी है जो उच्च तापमान, दबाव और टक्कर का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। रैपिडएक्स 2000 का चार्जिंग टाइम 12 मिनट में 80 प्रतिशत और 15 मिनट में 100 प्रतिशत है। बैटरी की लाइफ भी 10 साल की है और एक बार चार्ज करने पर यह 70 किलोमीटर की माइलेज देती है।

रैपिड एक्स 6000 : यह बैटरी तिपहिया वाहनों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसकी बैटरी लाइफ 15 साल है और एक बार चार्ज करने पर बिना भार के 90 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है। 32 मिनट में यह 80 प्रतिशत और 40 मिनट में 100 प्रतिशत होती है।

जैप अप : औद्योगिक, दूरसंचार और घरेलू उपयोग के लिए पावर बैकअप के लिए इस बैटरी का उपयोग किया जाता है। जो एक बार चार्ज करने पर 30 मिनट का बैकअप देता है।

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