New Wage Code : 50 हजार की सैलरी वाले को 60 प्रतिशत मुनाफा, जाने वेतन में कैसा आएगा बदलाव
New Wage Code नौकरी पेशा लोगों के लिए नया लेज कोड जल्द ही लागू होने वाला है। इस वेज कोड के फायदे भी हैं और नुकसान भी। प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों पर इसका असर सीधा दिखेगा। जानिए इस वेज कोड में क्या-क्या बदलाव हो रहे हैं।
जमशेदपुर : केंद्र सरकार ने नए वेज कोड 2021 को लागू करने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इसे देश भर में प्रभावी कर दिया जाएगा।
इस नए वेज कोड का असर प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले हर कर्मचारी पर पड़ना तय माना जा रहा है। इस वेज कोड के आने से प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के टेक होम वेतन, पीएफ और ग्रेजुएटी भी पूरी तरह से बदल जाएगा। तो आइए जान लें कि आपके वेतन में किस तरह का होगा बदलाव।
रिटायरमेंट के बाद होगी आसानी
नए वेज कोड आने से नौकरीपेशा कर्मचारियों के वेतन में कमी आ जाएगी क्योंकि उन्हें वर्तमान टेक होम से कम वेतन मिलेगा और अधिक कटौती उनके पीएफ में होगी। हालांकि यह फायदा कर्मचारी को उस समय मालूम चलेगा जब वे रिटायरमेंट होंगे। उन्हें मिलने वाली पीएफ की राशि में पूर्व के मुकाबले बड़ी राशि मिलेगी। साथ ही ग्रेजुएटी भी ज्यादा हो जाएगी।
इस तरह से समझे बदलाव
वर्तमान वेज कोड के तहत जिन कर्मचारियों को 50 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है उसका बेसिक पे 15 हजार रुपये होता होगा।
रिटायरमेंट पर ऐसे कर्मचारियों को पीएफ के रूप में 71 लाख 45 हजार 372 रुपये मिलते हैं जबकि नए वेज कोड में जिस कर्मचारियों को 25 हजार रुपये बेसिक वेतन मिलेगा। उन्हें रिटायरमेंट के बाद एक करोड़ 19 लाख आठ हजार 953 रुपये मिलेंगे। इसमें सालाना पांच प्रतिशत इंक्रीमेंट को भी जोड़ा गया है। जिसके कारण कर्मचारियों को पीएफ व ग्रेजुएटी बढ़ जाएगा।
क्या होता है कास्ट टू कंपनी
प्राइवेट सेक्टर में जो कर्मचारी काम करते हैं उन्हें 12 माह में कंपनी कितना वेतन, एचआरए, पीएफ सहित अन्य सुविधाएं देती है। उसे जोड़कर संबधित कर्मचारी का सीटीसी या यू कहें तो कास्ट टू कंपनी कहा जाता है।
हालांकि वर्तमान वेज कोड में अधिकतर कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन तो ज्यादा देती हैं लेकिन उनका बेसिक पे कम रहता है। जबकि एचआरए, पेट्रोल एलाउंस, एजुकेशन एलाउंस, एलटीसी सहित दूसरी सुविधाओं को अलग भत्तों में दिखाती है ताकि कंपनियों को ज्यादा पीएफ जमा नहीं करना पड़े। ऐसे में संबधित कर्मचारी का जितना बेसिक पे होगा, कंपनियों को उसी आधार पर पीएफ देना होगा।
कर्मचारियों की बढ़ जाएगी ग्रॉस सैलरी
नए वेज कोड के प्रभावी होने से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की ग्रॉस सैलरी बढ़ जाएगी। इससे उनके पीएफ में ज्यादा राशि जमा होगी। हालांकि इससे कर्मचारियों के टेक होम में जरूर अंतर आएगा लेकिन यह उनके बेहतर भविष्य के लिए काफी अहम होगा।