रेलवे बोर्ड के साथ नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की हुई बैठक, जाने यूनियन ने किन-किन मुद्दों को उठाया

चार वर्षो के लंबे इंतजार के बाद जेसीएम (विभागीय परिषद) की बैठक पिछले दिनों ऑनलाइन हुई। इसमें सेंट्रल रेलवे बोर्ड (सीआरबी) सीईओ सहित सभी रेलवे बोर्ड के सदस्य शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते महासचिव डा एम राघवैया ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद बैठक हो रही है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 03:37 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 03:37 PM (IST)
रेलवे बोर्ड के साथ नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन की हुई बैठक, जाने यूनियन ने किन-किन मुद्दों को उठाया
इस खबर को प्रदर्शित करती नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन का लोगो

जमशेदपुर, जासं। चार वर्षो के लंबे इंतजार के बाद जेसीएम (विभागीय परिषद) की बैठक पिछले दिनों ऑनलाइन हुई। इसमें सेंट्रल रेलवे बोर्ड (सीआरबी), सीईओ सहित सभी रेलवे बोर्ड के सदस्य शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे मेन के महासचिव डा एम राघवैया ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद फेडरेशन की बैठक हो रही है लेकिन भविष्य में बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार निरंतन होनी चाहिए ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। वहीं, उन्होंने कहा कि यूनियन का चुनाव पिछले दो साल से नहीं हो रही है। रेलवे यूनियन को मान्यता के लिए गुप्त मतदान के आधार पर चुनाव कराया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर अध्यक्ष द्वारा स्पष्ट किया जाना चाहिए कि रेलवे में गुप्त मतदान होगा या नहीं और यदि मतदान होता है तो अतीत में क्या तौर-तरीके जारी रखने चाहिए। इसके आधार पर यदि इसे स्थगित नहीं किया गया तो फेडरेशन इसे स्वीकार नहीं करेगा और आंदोलन करेगा।

बैठक में फेडरेशन ने मजदूर हित के कई अन्य मुद्दों को भी उठाया

-जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता डीए फ्रीज कर दिया गया है, इसे तत्काल भुगतान करने का आदेश दिया जाए और 20 जनवरी और 21 जून तक 18 महीने के एरियर का भुगतान किया जाए। साथ ही एनडीए भुगतान बिना किसी सीमा के किया जाना चाहिए।

-रेलवे में केवल स्वास्थ्य कर्मचारी व आरपीएफ के अलावा गार्ड, लोको पायलट, टीटीई, ट्रैकमैन सहित सभी तकनीशियन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को इस श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

-कोविड-19 के कारण मरने वाले रेल कर्मचारियों को 50 लाख का भुगतान किया जाएगा और 10 लाख का भुगतान तत्काल एमआर राहत कोष से किया जाएगा।

-कोविड-19 से संक्रमित रेल कर्मचारियों को 30 दिनों का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जाए।

-सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर तीसरी लहर के लिए आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की जाए।

-डॉ. राघवैया ने निजीकरण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। कहा कि महामारी की स्थिति में केवल रेल कर्मचारी ही काम करते हैं। वे श्रमिक स्पेशल आक्सीजन स्पेशल ट्रेन चला रहे हैं। ऐसे में रेलवे का निजीकरण सरकार द्वारा नहीं किया जाना चाहिए और यह रेलकर्मियों और देशवासियों को स्वीकार्य नहीं है।

-रायबरेली कोच फैक्ट्री के निजीकरण को रोका जाना चाहिए।खेल का मैदान निजी हाथों में नहीं दिया जाना चाहिए।

- महामारी की स्थिति प्रभावी रहने तक समय-समय पर स्थानांतरण तत्काल रोक दिया जाना चाहिए।

-सभी 72000 एक्ट अपरेंटिस को बिना किसी देरी के रेलवे में समाहित किया जाना चाहिए।

-सभी श्रेणियों में ट्रैकमैन के लिए 10 प्रतिशत एलडीसीई कोटा शुरू किया जाना चाहिए और हर साल एलडीसीई परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।

-एमसीएम के सभी पदों का जेई में विलय होना चाहिए। साथ ही पोस्ट सरेंडर पर तत्काल रोक लगाई जाए।

-पांच प्रिंटिंग प्रेसों का निजीकरण बंद हो।

- एसी स्टाफ के लिए रेस्ट हाउस की व्यवस्था रनिंग रूम की तरह की जाए।

-लॉकडाउन अवधि के दौरान रनिंग स्टॉप को 30 प्रतिशत रनिंग अलाउंस का भुगतान किया जाना चाहिए क्योंकि वे अतिरिक्त हैं और नियमों के अनुसार ड्यूटी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कर्मचारियों के लिए तत्काल संवर्ग का पुनर्गठन किया जाना चाहिए।

-सभी रनिंग रूम और रेस्ट रूम में सुधार करें

-सभी जीपी 1800 ग्रेड पे पदों को जीपी 1900 में अपग्रेड करें।

-वे-साइड स्टेशनों पर कोई चिकित्सा सुविधा नहीं है इसलिए आवश्यकता के अनुसार चिकित्सा वैन उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

- आयकर छूट के आदेश अब तक नहीं दिए गए हैं और इस मुद्दे पर उच्च स्तर पर चर्चा की जानी चाहिए और बिना किसी देरी के सीबीडीटी से आदेश लाए जाने हैं।

-नई संपत्तियों के लिए पदों के सृजन का आदेश दिया जाए।

-फेडरेशन और रेलवे बोर्ड के साथ संयुक्त समिति बनाकर प्वाइंटमैन 4 ग्रेड संरचना का आदेश तुरंत दिया जाए।

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