Narendra Giri Death: पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती के नेतृत्व में साधु-संत जाएंगे प्रयागराज
Narendra Giri Death महंत नरेंद्र गिरी सोमवार को प्रयागराज में बाघंबरी गद्दी मठ के एक कमरे में फंदे से लटके हुए पाए गए। महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़ा समिति के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी पिछले 20 सालों से साधु संतों के बीच अहम स्थान रखते थे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। नागा साधुओं की सबसे बड़ी संस्था जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पारडीह कालीमंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती के नेतृत्व में साधु-संतों का जत्था 25 सितंबर को प्रयागराज पहुंचेगा। जानकारी देते हुए महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (दिवंगत) महंत नरेंद्र गिरी के सुरसी भंडारा में भाग लेंंगे।
अपनी पुरानी याद को ताजा करते हुए जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पारडीह कालीमंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती कहते हैं कि 10 वर्ष पूर्व कालीमंदिर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले भंडारा में उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी को आमंत्रित किया था। उनका आमंत्रण को उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया था। महंत नरेंद्र गिरी खुद कालीमंदिर पधारे थे। उन्होंने बताया कि सच्चे हृदय वाले महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर उन्हें सदमा लगा है। उन्होंने कहा कि सरकार से मांग करते हैं कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध परिसथिति में हुई मौत की जांच सीबीआई करें तभी सच्चाई सामने आ पाएगी। विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरी के साथ वर्षों से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी के साथ कई कुंभ मेला का सफल आयोजन किया। जिसमें नासिक कुंभ मेला, इलाहाबाद कुंभ, हरिद्वार कुंभ मेला का सफल आयोजन हुआ। दूसरों को शिक्षा देने वाले खुद फंदे से लटक जाए, यह बात किसी भी तरह गले के नीचे नहीं उतर रही है। महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी बाघंबरी अखाड़े में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है। इससे पूरे साधु-संतों के बीच शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी हो कि महंत नरेंद्र गिरी सोमवार को प्रयागराज में बाघंबरी गद्दी मठ के एक कमरे में फंदे से लटके हुए पाए गए। महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि अखाड़ा समिति के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी पिछले 20 सालों से साधु संतों के बीच अहम स्थान रखते थे। साधु-संत से लेकर पीएम, सीएम व प्रशासनिक अधिकारी उनसे आशीर्वाद लेकर अपने आप को धन्य मानते थे।