डाटा में नहीं दिख रहा नाम, दिल्ली से ही ठीक होगा : तापस चटर्जी

घाटशिला प्रखंड के शहरी आठ पंचायत के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ दिलाने हेतु शुक्रवार को कांग्रेस पूर्वी सिंहभूम मनरेगा विभाग के जिलाध्यक्ष तापस चटर्जी के नेतृत्व में घाटशिला प्रखंड कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना में कांग्रेस नेता व शहरी आठ पंचायतों के महिला व पुरुष शामिल रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:30 AM (IST)
डाटा में नहीं दिख रहा नाम, दिल्ली से ही ठीक होगा : तापस चटर्जी
डाटा में नहीं दिख रहा नाम, दिल्ली से ही ठीक होगा : तापस चटर्जी

संस, घाटशिला : घाटशिला प्रखंड के शहरी आठ पंचायत के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ दिलाने हेतु शुक्रवार को कांग्रेस पूर्वी सिंहभूम मनरेगा विभाग के जिलाध्यक्ष तापस चटर्जी के नेतृत्व में घाटशिला प्रखंड कार्यालय के बाहर एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना में कांग्रेस नेता व शहरी आठ पंचायतों के महिला व पुरुष शामिल रहे। धरना के माध्यम से घाटशिला के शहरी आठ पंचायत पूर्वी मऊभंडार, पश्चिमी मउभण्डार, उत्तरी मऊभंडार, गोपालपुर, धरमबहाल, घाटशिला, पावड़ा व काशिदा पंचायत के लोगों को प्रधानमंत्री आवास देने की मांग की गई है। इन पंचायत में रह रहे लोगों का नाम सर्वे सूची में नहीं होने के कारण इन्हें प्रधानमंत्री ग्रामीण व शहरी दोनों में किसी भी आवास योजना का लाभ नहीं मिलता है। कांग्रेस ने धरना के माध्यम से विभागीय पदाधिकारी व सरकार का इस समस्या के तरफ ध्यान आकृष्ट कराया है। कांग्रेस मनरेगा विभाग के जिलाध्यक्ष तापस चटर्जी ने कहा कि शहरी आठ पंचायतों के लोगों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने की मांग पर बीते तीन वर्षों से कांग्रेस पार्टी संघर्ष कर रहीं है। इस मामले को सांसद ने भी लोकसभा में उठाया था। लेकिन इस पर आज तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसी ने कोई पहल नहीं की है। यहां के जनता को सिर्फ कहा जाता है कि डाटा में नाम नहीं दिख रहा है। वह दिल्ली से ही ठीक होगा। जब इन पंचायतों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होते है तो फिर यह पंचायत शहरी कैसे हो गया। यहां के गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ क्यों नहीं मिलता है। ऐसा लगता है कि यहां बसे लोग यहां के है नहीं कहीं बाहर से आ गए है। सिर्फ कहने को यह शहरी क्षेत्र लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं हैं। लोग मजबूरन टूटे झोपड़ियों में रह रहे है। यहां के लोगों से विद्युत बिल शहरी दर से लिया जाता है,लेकिन सुविधा शहरी वाली नहीं है। इन पंचायत में रह रहे लोगों के लिए संघर्ष शुरू से करते आ रहे है आगे भी जारी रहेगा। कांग्रेस जनता के लिए है। इस मामले पर आगे पहल नही हुआ तो हमलोग प्रखंड कार्यालय में तालाबंदी करेंगे। गरीबों के हक व अधिकार के लिए कांग्रेस हर प्रकार के आंदोलन व कुर्बानी देने कर लिए तैयार है। धरना में मानस दास, शेख फारुख, प्रदीप भद्र, बबलू नायक, सोमेन सीट, अर्जुन सिंह, नरेश महाकुड़, किकर दास, काशी समेत अन्य लोग उपस्थित रहें। शहरी क्षेत्र में भी रहते हैं गरीब, उन्हें भी मिले आवास : प्रदीप भद्र ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्र में क्या गरीब नहीं रहते है? जो इनका डाटा विभाग के पास नहीं है। सरकार से आग्रह है कि मांग पूरी करें अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। आठ पंचायत के गरीबों को आवास देने के लिए पहल की किया जाए। इन पंचायतों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कई परिवार पीएम आवास योजना के लाभ से वंचित है। इन्हें इनका हक व अधिकार दिया जाए। गरीबों को आवास देने के लिए कुंभकर्णी निद्रा से जागे प्रशासन : कांग्रेस नेता शेख फारुख ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि जितनी परेशानी सब आम जनता पर ही है। सारे टैक्स शहरी क्षेत्र के नाम पर ले रहे। लेकिन सुविधा देने के समय शहरी क्षेत्र होने के नाम पर पीएम आवास रोक दिया जा रहा है। सरकार व प्रशासन का अभी और कुंभकर्णी निद्रा नहीं चलेगा। गरीबों को आवास देने के लिए प्रशासन जागे। राज्य में महागठबंधन की सरकार, कांग्रेस दे रही धरना : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मानस दास ने कहा कि कांग्रेस हमेशा जनता के साथ रहती है। झारखंड में हमारी महागठबंधन की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस आज गरीबों को आवास देने के लिए धरना पर बैठी है। जब यहां पंचायत व्यवस्था है तो इसे शहरी क्षेत्र में क्यों रखा गया है। यहां के लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से इसलिए वंचित है कि झारखंड में हमारी सरकार होने के बावजूद भी भ्रष्ट पदाधिकारी केंद्र सरकार के इशारों पर चलती है। शायद उनको केंद्र से ऐसा ही दिशा निर्देश दिया जाता है। लोग वृद्धा पेंशन के लिए वर्षो से भटक रहे है। झारखंड सरकार के द्वारा अच्छा काम किया जा रहा है। झारखंड सरकार के द्वारा क्या आठ पंचायत में पीएम आवास नहीं देने का कोई निर्देश दिया गया है। ऐसा कोई निर्देश आया है तो दिखाए। केंद्र सरकार के स्तर से यह समस्या है। केंद्र सरकार इन आठ पंचायतों के लाभुकों को पीएम आवास देने की दिशा में पहल करें। आधार कार्ड नहीं होने के कारण लोग तमाम सुविधाओं से वंचित है। कई दिव्यांग जिनका काफी प्रयास के बाद भी आधार कार्ड नहीं बन रहा है। प्रशासनिक अधिकारी इस समस्या का विकल्प खोजे ताकि वैसे जरूरतमंद लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सके। झारखंड में विकास करने वाली हमारी सरकार है। अगर इस घाटशिला क्षेत्र के पदाधिकारी जनता के अधिकारों का हनन करना चाहती है तो आज धरना और आने वाले समय में प्रखंड कार्यालय में ताला जड़ देंगे।

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