Jharkhand Durga Puja Guideline: दुर्गापूजा में भोग पर प्रतिबंध बर्दाश्त के काबिल नहीं, नागरिक सुविधा मंच ने कहा-निर्णय बदले सरकार

Jharkhand Durga Puja Guideline नागरिक सुविधा मंच ने कहा कि झारखंड करीब सवा तीन करोड़ की जनसंख्या का राज्य है जबकि बगल के बंगाल की आबादी 11 करोड़ है। बंगाल में भोग बनाने और बांटने पर कोई रोक नहीं है तो यहां क्यों रोक लगाई गई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 04:54 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 04:54 PM (IST)
Jharkhand Durga Puja Guideline: दुर्गापूजा में भोग पर प्रतिबंध बर्दाश्त के काबिल नहीं, नागरिक सुविधा मंच ने कहा-निर्णय बदले सरकार
मीडिया से विचार साझा करते जमशेदपुर नागरिक सुविधा मंच के पदधारी।

जमशेदपुर, जासं। दुर्गापूजा को लेकर झारखंड सरकार ने भाेग वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिस पर सभी पूजा कमेटी ने नाराजगी जताई है। इसके बावजूद कोई कमेटी खुलकर विरोध नहीं कर रही है। ऐसे में नागरिक सुविधा मंच आगे आया है। उसने सरकार से आग्रह किया है कि यह निर्णय बर्दाश्त के काबिल नहीं है, इसलिए निर्णय बदला जाए।

भारतीय जनता पार्टी में धनबाद जिला के संगठन प्रभारी, जमशेदपुर महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष व नागरिक सुविधा मंच, झारखंड के मुख्य संरक्षक अभय सिंह ने मंगलवार को काशीडीह में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नवरात्र की तैयारी पूरे जमशेदपुर मे दुर्गापूजा समिति व मंदिर समितियों द्वारा की जा रही है। पूरी धार्मिक आस्था के साथ दुर्गापूजा महोत्सव का आयोजन होता है। कोरोना के कारण सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन प्राप्त हुआ, उसका गाइडलाइन सभी दुर्गापूजा समिति स्वागत करती है। कोरोना सिर्फ सरकार की समस्या नहीं है, बल्कि यह आम जनमानस की समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, परंतु कोरोना को लेकर जो गाइडलाइंस है, उस पर नागरिक सुविधा मंच को आपत्ति है। नागरिक सुविधा मंच के प्रत्येक कार्यकर्ता किसी न किसी पूजा महोत्सव या मंदिर समिति से जुड़े हुए हैं। कोरोना ने पूरी पूजा पद्धति को प्रभावित किया है। इसके बावजूद हम सरकार को सहयोग करने के लिए तैयार हैं, पर सरकार का भोग वितरण पर लगाया गया प्रतिबंध हिंदू धर्म की भावनाओं के साथ जान-बूझकर किया गया खिलवाड़ है।

गत वर्ष भी सरकार की गाइडलाइंस को नकारा गया था

अभय सिंह ने कहा कि गत वर्ष भी सरकार ने भोग वितरण पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे लोगों ने सिरे से नकार दिया था। लोगों ने भोग बनाया भी और वितरण भी किया था। हम सरकार से अपील करते हैं कि भोग वितरण करने और बनाने में सरकार द्वारा रोक लगाना न्यायसंगत नहीं है। व्यवहारिक रूप से इस वर्ष यह आदेश जायज नहीं है। हम सरकार की मदद करना चाहते हैं, इसका यह अर्थ नहीं है कि सरकार अपने कठोर निर्णय को हम पूजा समितियों को थोप दे। इस तानाशाही फैसले को हम नहीं मानेंगे।

रेस्टोरेंट-होटल सब खुल चुके, तो भोग पर आपत्ति क्यों

अभय सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण कम होने की वजह से झारखंड सरकार ने रेस्टोरेंट, होटल, मॉल, बार, दुकान, सिनेमा, स्कूल, कॉलेज, हाट से शराब की दुकान तक खुल गई है। यहां मांसाहारी व्यंजन भी धड़ल्ले से बनाए और बेचे जा रहे हैं। लोग बैठकर खा रहे हैं, तो पूजा के सात्विक भोग पर सरकार को किस बात की आपत्ति है। यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार ने किस मंशा के तहत यह फैसला सुनाया है। जब रेस्टोरेंट से बनकर भोजन दूसरे घरों में जा सकता है, तो पूजा समिति अपने यहां भोग बनाकर अपने भक्तों-श्रद्धालुओं के घर क्यों नहीं पहुंचा सकती है, इसका कारण बताएं।

बंगाल-महाराष्ट्र में भोग पर पाबंदी नहीं, तो झारखंड में क्यों

अभय ने कहा कि झारखंड करीब सवा तीन करोड़ की जनसंख्या का राज्य है, जबकि बगल के बंगाल की आबादी 11 करोड़ है। बंगाल में भोग बनाने और बांटने पर कोई रोक नहीं है, तो यहां क्यों रोक लगाई गई है। महाराष्ट्र में भी प्रसाद बांटने पर कोई रोक नहीं है, जिसकी आबादी 14 करोड़ है। सरकार को इन राज्यों से गाइडलाइंस मंगाकर इस पर अध्ययन कर निर्णय करना चाहिए। इस काले कानून के विरोध में रविवार 3 अक्टूबर को दुर्गापूजा समितियों से संपर्क स्थापित कर बड़ा निर्णय कर इस हिंदू विरोधी निर्णय पर आर-पार की लड़ाई हम लड़ने के लिए मजबूर होंगे।

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