लाॅकडाउन में सरसों तेल से मुनाफे का खेल, कारोबारी डाल रहे डाका

बाजार में एकबार फिर सरसों तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। खुदरा कारोबारी 190 से 200 रुपये-पैसे लीटर तक बेच रहे हैं जबकि थोक भाव में कोई वृद्धि नहीं हुई है। दरअसल स्थानीय बाजारों के बड़े कारोबारी मनमानी कर रहे हैं। उनके पास लाॅकडाउन का बहान है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:59 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 12:13 PM (IST)
लाॅकडाउन में सरसों तेल से मुनाफे का खेल, कारोबारी डाल रहे डाका
खुदरा कारोबारी सरसों तेज के दाम बढने के पीछे दो बजे का फंडा दे रहे हैं।

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर में अभी सरसों तेल खुदरा कारोबारी 190 से 200 रुपये-पैसे लीटर तक बेच रहे हैं, जबकि थोक भाव में कोई वृद्धि नहीं हुई है। दरअसल, स्थानीय बाजारों के बड़े कारोबारी मनमानी कर रहे हैं। उनकी मनमानी लाॅकडाउन की आड में चल रही है।

परसुडीह स्थित कृषि बाजार उत्पादन बाजार समिति के थोक कारोबारियों ने बताया कि मंडी में हाथी ब्रांड सरसों तेल 175, बापू 176 और सलोनी 173 रुपये लीटर है। बिष्टुपुर, साकची, गोलमुरी समेत बड़े दुकानों में यह अभी 178 से 180 रुपये लीटर तक खुदरा में बिक रहा है, जबकि गली-मोहल्लों के खुदरा दुकानदार इसे 190 से 195 और 200 रुपये लीटर तक बेच रहे हैं। यह सरासर कालाबाजारी का मामला है। इससे सरसों तेल के थोक कारोबारी भी बदनाम हो रहे हैं। कारोबारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिला प्रशासन को खुदरा दुकानों में छापेमारी करनी चाहिए। आखिर एक लीटर सरसों तेल पर 20 से 25 रुपये-पैसे के हिसाब से अधिक क्यों लिया जा रहा है। कहां से इसके दाम बढ़ाए जा रहे हैं। कौन स्टाॅक कर रहा है, इसकी जांच जिला प्रशासन करे और कड़ी कानूनी कार्रवाई करे।

दो बजे का फंडा

खुदरा कारोबारी इसके पीछे दो बजे का फंडा दे रहे हैं। दुकानदारों ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को लेकर आंशिक लॉकडाउन लगा है। इसमें दोपहर दो बजे दुकानों को बंद करना है। इसकी वजह से हमें दो-तीन दिन पर सप्लायर से माल मिल रहा है। सप्लायर सभी दुकानों तक एक दिन में माल नहीं पहुंचा पा रहे हैं। इसकी वजह से स्थानीय स्तर पर जो स्टॉकिस्ट है, वे मुहमांगी कीमत पर तेल बेच रहे हैं। शनिवार को स्थानीय बाजार के कुछ बड़े कारोबारियों ने 195 रुपये लीटर बापू का तेल बेचा, जबकि शुक्रवार को इनके यहां 190 रुपये लीटर दिया गया। ऐसे में छोटे कारोबारी कह रहे हैं कि स्थानीय बाजार के बड़े व्यापारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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