Mustard oil Price : सरसों तेल भी 200 तक पहुंचा, रिफाइंड ऑयल थोड़ा पीछे

Mustard oil Price पेट्रोल-डीजल की दिनोंदिन बढ़ती कीमत का असर बाजार में भी दिख रहा है। सब्जी-भाजी के साथ खाद्यान्न की कीमतों ने भी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। कोरोना से पहले जो सरसों तेल 95 से 100 रुपये तक बिक रहा था।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 01:00 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 01:00 PM (IST)
Mustard oil Price : सरसों तेल भी 200 तक पहुंचा, रिफाइंड ऑयल थोड़ा पीछे
पाकिस्तान से कारोबार बंद होने के बाद बादाम और छुहाड़ा में जबरदस्त उछाल आया था।

 जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। पेट्रोल-डीजल की दिनोंदिन बढ़ती कीमत का असर बाजार में भी दिख रहा है। सब्जी-भाजी के साथ खाद्यान्न की कीमतों ने भी रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। कोरोना से पहले जो सरसों तेल 95 से 100 रुपये तक बिक रहा था, महज डेढ़ वर्ष में यह 200 रुपये तक पहुंच गया है। रिफाइंड ऑयल भी 150 से 200 रुपये के बीच झूल रहा है। इतने कम समय में तेल की कीमत दोगुनी होने से हर कोई हैरान है। साकची के राशन दुकानदार नंदकिशोर बताते हैं कि बीच में सरसों तेल व रिफाइंड ऑयल की कीमत में थोड़ा उछाल आया था, लेकिन अब धीरे-धीरे सामान्य और करीब 15 दिन से स्थिर है।

पाकिस्तान से कारोबार बंद होने के बाद बादाम और छुहाड़ा में जबरदस्त उछाल आया था। 80-85 रुपये बिकने वाला छुहाड़ा आज 220-240 रुपये बिक रहा है। बादाम भी 1000 रुपये किलो से ऊपर पहुंच गया था, जो अब 650-750 रुपये है। ड्राईफ्रूट का दाम लगभग सामान्य है। जहां तक सरसों तेल की बात है तो जब सरसाें ही 100-110 रुपये किलो है, तो तेल का भाव 200 रुपये होना स्वाभाविक है। वैसे भी कोरोना आने के बाद लोग सेहत के प्रति ज्यादा फिक्रमंद हो गए हैं, तेल की बिक्री पर इसका असर साफ दिख रहा है। साकची बाजार के राशन कारोबारी अशाेक खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना ने पूरी अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा दी। इसकी वजह से ऑनलाइन मार्केटिंग-शॉपिंग को खूब बढ़ावा मिला, जिससे अब बाजार में भीड़ तो दिखती है, लेकिन उस अनुपात में बिक्री नहीं होती है। एक किलो खरीदने वाला ग्राहक अब 250 ग्राम सामान लेता है। पहले पर्व-त्योहार के 15 दिन पहले बाजार में ग्राहक आने लगते थे, अब एक-दो दिन पहले आते हैं। रही-सही कसर ऑनलाइन मार्केट ने बिगाड़ दी है। कोरोना में जब लोगों को घर से निकलने की मनाही थी, लोगों ने मजबूरी में ऑनलाइन खरीदारी शुरू की। अब यह आदत बन गई है। इसका नतीजा है कि बाजार के दुकानदारों की बिक्री 60 प्रतिशत तक पहुंच गई है। नई पीढ़ी तो बाजार में नहीं के बराबर दिखती है। लोगों की क्रय शक्ति भी काफी कम हो गई है। जब माल ही नहीं बिक रहा है, तो कीमत कहां से बढ़ेगी।

सरसों तेल : कीमत (रुपये प्रति किलो-लीटर)

पतंजलि : 210

इंजन : 19

5हाथी : 186

बापू : 186

इमामी : 185

फार्च्यून : 185

सलोनी : 185

रिफाइंड ऑयल

आनंदम : 220

सफोला : 200

फार्च्यून : 156

नेचर फ्रेश : 152

महाकोश : 140

दाल

अरहर दाल : 103-108

मूंग दाल : 100-105

मसूर दाल : 96-98

चना दाल : 70-78

chat bot
आपका साथी