मुंबई की संस्था पोटका की ईशानी को पढ़ाई के लिए हर साल देगी 20 हजार रुपए, कोविड में हो चुका है पिता का देहांत

पोटका की इशानी मंडल अब पढ सकेगी। उसे मुंबई के श्लोका मिशनरीज ट्रस्ट से सहयोग राशि की पहली किस्त मिल गइर् है। प्रत्येक साल उसे यह राशि मिलेगी। आवश्यकता पढने पर इस राशि में बढोत्तरी भी संस्था करेगी।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 01:51 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 01:51 PM (IST)
मुंबई की संस्था पोटका की ईशानी को पढ़ाई के लिए हर साल देगी 20 हजार रुपए, कोविड में हो चुका है पिता का देहांत
पोटका स्थित अपने आवास में मां के साथ ईशानी मंडल

पोटका, संवाद सूत्र। विकास एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष विकास कुमार भकत ने मुंबई के श्लोका मिशनरीज ट्रस्ट के अध्यक्ष सह देश के विख्यात शिक्षाविद प्रोफेसर संदीप देसाई से संपर्क कर ट्रस्ट के हमारे बच्चे परियोजना के तहत पोटका के भूमरी गांव के छह साल की बच्ची ईशानी मंडल को पढ़ाई के लिए सालाना सहयोग राशि 20,000 रुपया प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह राशि ईशानी के 18 वर्ष की उम्र तक मिलेगी।

     सारे दस्तावेजों का सत्यापन विकास के द्वारा किया गया एवं 31 अगस्त को पहली किश्त 20, 000 रु ईशानी मंडल के बैंक खाते में प्राप्त हुआ। पढ़ाई में खर्च बढ़ने पर सहयोग राशि में भी वृद्धि किया जायेगा। ज्ञात हो कि ईशानी मंडल के पिता निरुपम मंडल का देहांत कोविड से हो गया। निरुपम मंडल एक मात्र परिवार में कमाने वाले थे। निरुपम मंडल परसुडीह में कार्य कर अपना परिवार का जीवन यापन कर रहे थे। निरुपम की मौत हो जाने से परिवार के सामने रोजी रोटी एवं अन्य समस्या उत्पन्न हो गई थी। मगर ट्रस्ट के सहयोग से अब ईशानी की जिंदगी में खुशियां वापस लौटने वाली है। ईशानी कहती है कि मैं बहुत पढ़ना चाहती हूं मुझे यदि सहारा इसी तरह मिलता रहा तो मैं एक दिन परिवार का नाम रोशन करूंगी। अभी ईशानी मंडल अपनी मां रिंकू मंडल के साथ बड़ा भूमरी स्थित अपने ननिहाल में रहती है। मुंबई के श्लोका मिशनरीज ट्रस्ट के द्वारा देश के कई राज्यों में निःशुल्क अंग्रेजी माध्यम स्कूल चलाया जाता है। इस कोरोना काल में अनाथ हो चुके बच्चों को श्लोका मिशनरीज ट्रस्ट द्वारा हर साल 20, 000 रु अठारह साल तक पढ़ाई के लिये सहयोग करने का बीड़ा उठाया है।

chat bot
आपका साथी