Health Workers Agitation: पूर्वी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य कर्मियों का आंदोलन तेज, कोरोना जांच से लेकर इलाज पर दिखा असर
Health Workers Agitation नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार को पूरे जिले से इनके समर्थन में स्वास्थ्य कर्मी जुटे और हड़ताल में शामिल हुए। इधर झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में कार्यरत नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने आंदोलन तेज कर दिया है। शनिवार को पूरे जिले से इनके समर्थन में स्वास्थ्य कर्मी जुटे और हड़ताल में शामिल हुए। इधर, झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। इस वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ने लगी है। शनिवार को सदर अस्पताल में अधिकांश मरीजों को जांच से लेकर इलाज तक में परेशानी हुई।
अल्ट्रासाउंड व एक्सरे कराने के लिए मरीज बाहर में बैठे हुए थे। वहीं, सिविल सर्जन कार्यालय का भी काम-काज प्रभावित रहा। सबसे बड़ी चिंता कोरोना को लेकर हैं। हड़ताल में टेक्नीशियन से लेकर महामारी रोग विशेषज्ञ, जिला सर्विलांस विभाग के कर्मचारी सहित अन्य शामिल हैं। जिसके कारण नमूना की संख्या कम होने-होने के साथ-साथ जांच भी प्रभावित हो रहा है। अगर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर आगे दिक्कत हो सकती है। इस अवसर पर झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री रवींद्रनाथ ठाकुर, शर्मिला ठाकुर, दीपक कुमार, संत कुमार झा, मनोज तिवारी, तुषारकांती बनर्जी, मनीष पांडे, डॉ. असद, डॉ. विनय कुमार, सुमन मंडल, अन्नू कुमारी, सुशील तिवारी, बिमल कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
क्या है मांग
कर्मचारियों की मांग है कि राज्य कार्यक्रम प्रबंधक ज्वाला प्रसाद को योजनाबद्ध तरीके से बर्खास्तगी को वापस लिया जाए। इसके साथ ही कोरोना के दौरान जिला व प्रखंड स्तर में जितने भी एनएचएम कर्मी बिना किसी गंभीर आरोप से बर्खास्त किये गए उनकी बर्खास्तगी आदेश वापस लेने की मांग, पब्लिक हेल्थ कैडर को तत्काल प्रभाव से लागू करने, एनएचएम अंतर्गत सभी अनुबंध कर्मियों का नियमित करने, एनएचएम कर्मियों के साथ उच्च पदाधिकारियों के द्वारा किये जा रहे दुर्व्यवहार एवं मानसिक प्रताड़ना बंद करने, पूर्व की भांति रविवारीय अवकाश के साथ कार्यपालक एवं राजपत्रित अवकाश को तत्काल लागू करने, उक्त दिवस में विषम परिस्थिति को छोड़कर कोई बैठक आयोजित नहीं करने की मांग शामिल है।